हर समय संगीत में डूबे रहते थे वाजिद अली खान
प्रसिद्ध संगीतकार वाजिद अली खान ने छोटी उम्र में ऐसे ही माया नगरी में मुकाम नहीं हासिल किया था। इसके लिए उनके अंदर खासी लगन...
प्रसिद्ध संगीतकार वाजिद अली खान ने छोटी उम्र में ऐसे ही माया नगरी में मुकाम नहीं हासिल किया था। इसके लिए उनके अंदर खासी लगन थी। वह हर समय संगीत में डूबे रहते थे। उनकी संगीत के प्रति दीवानगी इस कदर थी कि जब भी सहारनपुर आए तो अपना गिटार जरूर साथ लाते थे।
संगीतकार वाजिद अली खान के खासे निकट रहे एआईसीसी के सदस्य जावेद साबरी ने रुंधे हुए गले से बताया कि जैसे ही उन्हें निधन का पता चला तो खासा दुख हुआ। वाजिद अली हर समय संगीत की धुनों में ही डूबे में रहते थे। संगीत के प्रति उनकी दीवानगी काफी थी। जब भी उनसे मुलाकात हुई तो हर संगीत के बारे में ही बात करते थे। सलमान खान की फिल्म हैलो ब्रदर के संगीत के बारे में उनसे पूछा था कि-आपको कैसा लगा।उनके बगलगीर रहे शायर रब्बानी ने भरे हुए गले से बताया कि वाजिद अली शहर ही नहीं देश की शान थे। उनमें आला दर्जे की संगीत के प्रति दीवानगी थी।
उनके उस्ताद शराफत अली खान मशहूर तबला वादक थे तो संगीत उनके खून में बसा था। लेकिन उसके बाद भी संगीत में हर दिन नया करना उनके जुनून में शामिल था। उन्होंने बताया कि जब भी वह सहारनपुर आए तो अपना गिटार जरूर साथ लाते थे। दो साल पहले जब वह सहारनपुर आए तो गिटार साथ था। उस दौरान उन्होंने गिटार से उन्हें कुछ धुन भी सुनाई थीं।
संगीत में खासे काबिल होने के बाद भी उनसे पूछा था कि यह संगीत की धुन कैसी है।वाजिद अली के पड़ौसी राव महबूब अली भी खासे दुखी दिखाई दिए। पेशे से शिक्षक महबूब अली ने बताया कि जैसे ही निधन की खबर मिली, पूरा मोहल्ला खासा दुखी है। वाजिद जब भी आए, उन्हें कभी भी अपने कद का अहसास नहीं कराया। आम युवकों की तरह मिलना और हर व्यक्ति का पूरा सम्मान देना उनके व्यवहार में शामिल था।