यूपी इंवेस्टर समिट : यूपीएसआईडीसी के जमीन के रेट पर नहीं बनेंगे क्लस्टर
यूपी इन्वेस्टर समिट में जिले के ज्यादातर प्रोजेक्ट स्वीकार कर लिए गए हैं, लेकिन असल समस्याएं अब आना शुरू हुई...
यूपी इन्वेस्टर समिट में जिले के ज्यादातर प्रोजेक्ट स्वीकार कर लिए गए हैं, लेकिन असल समस्याएं अब आना शुरू हुई हैं। मसलन, फूड प्रोसेसिंग और वुडकार्विंग कलस्टर के लिए जिले में पिलखनी स्थित यूपीएसआईडीसी के इंडस्ट्रियल एरिया में जमीन देने पर सहमति जतायी है, लेकिन उद्यमियों का कहना है कि इतनी महगी जमीन लेकर वो उद्योग नहीं लगा सकते हैं। कहा कि यूपीएसआईडीसी की जमीनों का रेट मार्केट रेट से भी ज्यादा है। हालांकि जमीनों के रेट की इस पीड़ा को समिट में उद्यमियों ने यूपीएसआईडीसी के एमडी के समक्ष भी उठाया है जिस पर उन्होंने उचित व सकारात्मक समाधान का भरोसा दिया है।
आईआईए के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ उद्यमी रामजी सुनेजा कहते हैं कि पिलखनी स्थित यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल डवलपमेंट कारपोरेशन (यूपीएसआईडीसी) के औद्योगिक क्षेत्र में जमीन के रेट करीब 3200 रुपये वर्गमीटर है, जबकि मार्केट रेट ही करीब दो हजार रुपये वर्गमीटर का है। इसी से उन्होनें समिट में यूपीएसआईडीसी के एमडी जितेंद्र सिंह के ममक्ष समस्या रखी है कि इतनी महंगी जमीन में उद्योग लगा पाना संभव नहीं है। उन्हें तो अनडवलप्ड (अविकसित) जमीन ही कलस्टर के लिए दे दी जाए। खास है कि इस औद्योगिक क्षेत्र में करीब 600 बीघा जमीन अभी अविकसित है जिसका रेट करीब 1600 रुपये वर्गमीटर है। इसके साथ ही करीब 400 बीघा जमीन का अधिग्रहण भी प्रस्तावित है। रामजी सुनेजा के अनुसार, अगर यह सारी 1000 बीघा जमीन मिल जाए तो दोनों बेहतरीन कलस्टर खड़े हो जाएंगे। कहा कि यही हमने समिट में लिखकर दिया है। कहा कि अन्यथा 600 बीघा तो कम से कम चाहिए ही जिसके लिए यूपीएसआईडीसी के एमडी ने भी सकारात्मक हल ढूंढने का भरोसा दिलाया है। आईआईए के संस्थापकों में शामिल वरिष्ठ उद्यमी रामजी सुनेजा कहते हैं कि उन्होंने क्लस्टर के लिए अविकसित जमीनें ही उद्यमियों को देने की मांग की है, जिसका विकास वो खुद कर लेंगे। सुनेजा कहते है कि अन्यथा यूपीएसआईडीसी के रेट पर जमीन लेकर कलस्टर तो दूर, एक भी उद्योग लगाना संभव नहीं है। कहा कि यही कारण है कि 15 साल बाद भी यूपीएसआईडीसी का यह औद्योगिक क्षेत्र आज भी सूना पड़ा है। सुनेजा ने बताया कि एमडी की ओर से उन्हें इस पर सकारात्मक विचार का भरोसा दिया गया है।