मेहनत का दिखने लगा रंग, नौ ब्लॉक में बढ़ा भूगर्भ स्तर
भूगर्भ जल को सहेजने के लिए चल रहे भागीरथी प्रयास का सुखद परिणाम आने लगा है। जिले में भूगर्भ जल स्तर में .56 फीसदी तक की वृद्धि हो गई है। 11 में से...

भूगर्भ जल को सहेजने के लिए चल रहे भागीरथी प्रयास का सुखद परिणाम आने लगा है। जिले में भूगर्भ जल स्तर में .56 फीसदी तक की वृद्धि हो गई है। 11 में से नौ ब्लॉक ऐसे हैं जहां पर भूगर्भ जलस्तर में वृद्धि हुई है। हाल ही में आई रिपोर्ट के बाद प्रशासनिक अफसरों में भी खासा उत्साह है।
बारिश के पानी को सहेजने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है। पिछले दो तीन साल से लगातार नदियों, तालाबों, पोखरों और नालों में बारिश का पानी सहेजा जा रहा है। इसके साथ ही सहारनपुर में लोगों को भूमिगत जल को बचाने के लिए लगातार जागरूक भी किया गया। जिसका असर यह हुआ कि पिछले पांच साल के आंकड़े काफी सुखद हैं। पांच साल पहले जिले में मानसून से पहले औसतन भूगर्भ जलस्तर 11.05 मीटर था। जबकि, हाल ही ताजा आंकड़ों में भूगर्भ जल स्तर घटकर 9.56 मीटर रह गया है। यानि जिले में पानी का स्तर 1.49 मीटर ऊपर आ गया है।
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दो ब्लॉक में पाताल में पहुंच रहा पानी
जिले में 11 ब्लॉक से बलियाखेड़ी, देवबंद, गंगोह, नागल, नकुड, नानौता, पुंवारका, रामपुर मनिहारन, सरसावा में भूगर्भ जल स्तर घटा है। वहीं, मुजफ्फराबाद और सढौली कदीम में स्तर पहले से बढ़ गया है। पर्यावरण प्लानर डॉ. उमर सैफ ने बताया कि यह जिले के लिए बडी उपलब्धि हैं। इससे काम करने वालों का उत्साह बढ़ेगा।
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यह है स्थिति
ब्लॉक वर्ष 2017 वर्ष 2022
बलियाखेड़ी 10.94 9.29
देवबंद 9.94 6.50
गंगोह 18.21 15.33
मु.बाद 10.57 12.25
नागल 13.77 12.50
नकुड़ 14.50 13.19
नानौता 7.83 5.79
पुंवारकां 11.25 9.39
रामपुर मनि. 8.26 6.42
सढौली कदीम 7.82 10.86
सरसावा 8.44 7.20
नोट: आंकड़े मीटर में और मानसून से पहले के हैं।
वर्जन
बारिश के पानी को सहेजने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है। इसके लिए तालाबों की खुदाई व नदियों में सफाई और जल स्तर बढाने के लिए चैकडैम बनाए जा रहे हैं। जिससे बारिश के पानी को सहेजा जा सके।
-विजय कुमार, सीडीओ।
