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साहब, घर जाना हैं, पत्नी बहुत बीमार है

-लॉकडाउन में बढ़ने लगी लोगों की दिक्कत, नहीं मिल पा रहा राशन गी है। दूसरे जिलों से आकर यहां पल्लेदारी करने वालों को राशन तक नहीं मिल पा रहा है। हालत इतनी खराब है कि उन तक प्रशासन का कोई...

साहब, घर जाना हैं, पत्नी बहुत बीमार है
हिन्दुस्तान टीम,सहारनपुरFri, 27 Mar 2020 10:41 PM
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कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में लोगों की दिक्कत बढ़ने लगी है। दूसरे जिलों से आकर यहां पल्लेदारी करने वालों को राशन तक नहीं मिल पा रहा है। हालत इतनी खराब है कि उन तक प्रशासन का कोई अधिकारी-कर्मचारी तक नहीं पहुंचा। फैक्ट्रियां बंद होने से खाने के लाने पड़ गए। ये ऐसे लोग जो अपने जिलों में जाने चाहते है। लेकिन प्रशासन की सख्ती के चलते वह जिले में ही रहने को मजबूर है। हिन्दुस्तान के घंटी बजाओ कार्यक्रम में कुछ इसी तरह से लोगों ने अपनी परेशानी व्यक्त कीं।

0-पत्नी बीमार, खाना भी नहीं गोंडा समेत कई जिलों से 65 लोग सहारनपुर में पल्लेदारी करते हैं। मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि वह 65 लोगों के साथ मोरगंज आदि में पल्लेदारी करते है। उनकी पत्नी गोंडा में है। पत्नी काफी बीमार है। खाने के लिए कोई राशन नहीं पहुंचा। शुक्रवार सुबह साढ़े नौ बजे कंट्रोल रूम में फोन किया। लेकिन शाम तक राशन देने कोई नहीं पहुंचा। उन्हें पत्नी की देखभाल करने के लिए जाने दिया जाएं।

0-राजस्थान से बच्चे आएं घर पर नकुड तहसील के गांव टाबर निवासी चंद्र मोहन शर्मा ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि उनके बेटे कमल शर्मा के साथ जिले के नैनखेड़ा कुरलकी, सधोली, नलहेड़ा, नंदी, व चहलोली आदि के छह और बच्चे नीमराना राजस्थान में अलग अलग फैक्ट्रियों में नौकरियां करते हैं। कोरोना के चलते फैक्ट्री बंद हो जाने से यह सभी सातों बच्चे हैं एक ही कमरे में रह रहे हैं। खाने आदि की भारी दिक्कतों से जूझ रहे हैं। कहा कि इन सभी सातों बच्चों को उन्हें नीमराणा से वापस लाने के लिए गाड़ी लेकर जाने की अनुमति प्रदान की जाए ताकि बच्चे सभी अपने अपने घरों को सुरक्षित लौट सकें।

0-दूर बैठे अपनों को कैसे भिजवाए मदद नवीन नगर निवासी राजेश शर्मा ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि जिन लोगों के परिजन दूर हैं उन तक कैसे मदद की जाए। गुरुकुल विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य से जुड़े राजेश शर्मा कहते हैं कि उनकी मां बिलासपुर गांव में रहती है। वह बैंकिंग आदि भी नहीं जानती हैं। ऐसे में उन तक मदद पहुंचाना मुश्किल हो रहा है। प्रशासन को कोई रास्ता निकालना चाहिए।

0-गांव में भी चलाया जाए सफाई अभियानकोरोना वायरस के चलते शहरों की तर्ज पर गांव में भी सफाई अभियान चलाया जाए। किसान नेता अतुल फंदपुरी ने जिला प्रशासन से क्षेत्र के गांव में टीमें बनाकर सफाई कराने की मांग की है ताकि कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी क्षेत्र में पैर न पसारने पाए।

0-चीनी मिल भुगतान तेज करें गन्ना किसानों की मांगे की चीनी मिलें गन्ना भुगतान में तेजी लाएं ताकि किसानों और मजदूर परिवारों को कोरोना जैसे भयावह संकट की घड़ी में वित्तीय संकट से न जूझना पड़े। लाखनौर गांव के किसान अमित मुखिया व धर्मवीर प्रधान आदि का कहना है कि किसानों का भुगतान हो जाना अपने आप में एक बड़ी राहत होगी।

0-लाक डाउन में फंसे लोगों के परिजन चिंतितखुदाबख्शपुर निवासी सुलतान पुत्र श्रीपाल का बेटा कार्तिक हरियाणा के गुरूग्राम में नौकरी करता है। लाक डाउन के कारण वह अपने कमरे पर ही फंसा हुआ है। परिजनों ने बताया कि कार्तिक के पास खाना खाने को भी पैसा नहीं है। उधर, गांव चिराऊ निवासी रणजीत की पत्नी 10 दिन पहले अपने मायके हरियाणा मोली गांव गयी थी। इसी बीच लाक डाउन होने पर वह वापस घर नहीं आ सकी। रणजीत ने बताया कि पत्नी के नाम लोटने से खाना बनाने में दिक्कत हो रही है। वहीं महेशपुर, शिमलाना, बड़गांव, सहित कई गांवों में रिस्तेदारी में आये लोग भी अपने घरों को नहीं लोट सकें। परिजनों ने शासन प्रशासन से अपनों को वापस लाने की मांग की है।

0-लॉकडाउन में सीमाएं सील, नहीं पहुंच पा रहा कंपनीसहारनपुर निवासी सौरभ कुमार ने बताया कि वह रुड़की फार्मा मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी में नौकरी करता है। कंपनी घर से 34 किलोमीटर दूर है और दूसरे राज्य में है। लॉकडाउन के दौरान कंपनी अभी तक सरकारी नोटिस के अनुसार खोली गई। राज्यों की सीमाओं को सील कर दिया गया है। बाहर जाने की अनुमति नहीं है।

0-केरल से आए लोगों की हो जांच -बेहट रोड स्थित गांव हसनपुर के विनोद कुमार ने बताया कि दस दिन पहले उनके गांव में केरल से 15 लोग पहुंचे हैं। जिनकी अभी तक जांच नहीं हुई है। इस मामले में स्वास्थ्य कमीर् से बात की थी। लेकिन कोई नहीं आया। सभी की जांच कराई जाए।

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