ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश सहारनपुरलॉकडाउन के साइड इफेक्ट्स, डायबिटीज रोगियों की सेहत बिगड़ी

लॉकडाउन के साइड इफेक्ट्स, डायबिटीज रोगियों की सेहत बिगड़ी

करीब ढाई महीने चले लॉकडाउन ने मधुमेह रोगियों की सेहत बिगाड़ दी है। लॉकडाउन में व्यायाम न करने और समय पर दवाई न मिलने पर मधुमेह रोगियों का शुगर अनियंत्रित...

लॉकडाउन के साइड इफेक्ट्स, डायबिटीज रोगियों की सेहत बिगड़ी
हिन्दुस्तान टीम,सहारनपुरThu, 02 Jul 2020 05:02 PM
ऐप पर पढ़ें

करीब ढाई महीने चले लॉकडाउन ने मधुमेह रोगियों की सेहत बिगाड़ दी है। लॉकडाउन में व्यायाम न करने और समय पर दवाई न मिलने पर मधुमेह रोगियों का शुगर अनियंत्रित हुआ। घर में रहने के कारण तली-भुनी भोज्य पदार्थों का सेवन किया गया। वहीं, डॉक्टर बताते हैं कि इन लोगों ने व्यायाम कम किया और वसायुक्त भोजन पर अधिक ध्यान दिया है।

कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन 25 मार्च से घोषित हो गया था। जिससे सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी बंद रही। ऐसे में डॉक्टरों ने मरीजों को ऑनलाइन या फिर फोन पर ही परामर्श दिया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. रजनीश दहूजा ने बताया कि लॉकडाउन में प्रतिदिन 30 से 40 कॉल ऐसे मरीजों के आए, जिनका मधुमेह स्तर अनियंत्रित हो गया।

व्यायाम नहीं करने से हुई दिक्कत: डॉ. कलीम अहमद

फिजिशियन डॉ. कलीम अहमद ने बताया कि लॉकडाउन में डायबिटीज के मरीजों में खासा इजाफा हुआ। लॉकडाउन में इन मरीजों को न व्यायाम करने का मौका मिला और न ही सही समय पर दवाई मिल पाई। जिसके चलते लॉकडाउन में 20 फीसदी तक डायबिटीज के मरीज बढ़े हैं।

मरीजों का बढ़ा शुगर: डॉ. मिगलानी

वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. संजीव मिगलानी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान शुगर के मरीज कई दिन से घर में रहे। पार्क व अन्य स्थान पर व्यायाम करने नहीं जा पाए। इस दौरान कई मरीजों का शुगर बढ़ा है। 0-जिनका शुगर 200 था बढ़कर हो गया 300 से अधिकलॉकडाउन से पहले जिन मरीजों का शुगर स्तर (रैंडम) 200 या इसके आसपास रहता था। लॉकडाउन में यह बढ़कर 250 से 300 तक पहुंचा। कई लोगों का स्तर इससे भी अधिक रहा है। सभी मरीज दवा भी ले रहे हैं, लेकिन दिनचर्या प्रभावित होने से शुगर अनियंत्रित हो गया।

शुगर बढ़ने के कारण

पार्क या अन्य स्थानों पर जॉगिंग और व्यायाम बंद है। 24 घंटे घर में ही रहने से लोगों की दिनचर्या प्रभावित हुई है।

ज्यादातर समय टीवी और मोबाइल में कट रहा है, खानपान प्रभावित हुआ है, घर में रहने के कारण तली भुनी भोज्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं।

ज्यादातर समय घर में रहने से मानसिक स्थिति भी प्रभावित हो रही है।

डॉक्टरों की सलाह-घर में मानसिक स्थिति को दुरुस्त करने के लिए मनपसंद काम करें, जैसे पेंटिंग, कहानी पढ़ना, कहानी लिखना आदि। पहले के अधूरे कार्य को निपटाना, जिससे व्यक्ति व्यस्त रहे।

अगर घर में जॉगिंग की जगह नहीं हैं तो डॉक्टर की परामर्श पर आधा से एक घंटा तक योग करें।

दिनचर्या दुरुस्त रखें, खासकर दवाओं के सेवन का समय सही हो, डॉक्टरों द्वारा निर्धारित खानपान का ही सेवन करें। फास्ट फूड से परहेज करें।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें