जिले की उखड़ी सड़कों ने बढ़ाया अस्थमा के मरीजों का ग्राफ
Saharanpur News - सहारनपुर में खराब सड़कों और प्रदूषण के कारण पिछले एक साल में अस्थमा मरीजों की संख्या 30 प्रतिशत बढ़ गई है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन 40 नए मरीज आते हैं, विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों पर इसका अधिक...

सहारनपुर। जिले की उखड़ी हुई सड़कों से उड़ती धूल और वाहनों से निकलता जहरीला धुआं अब लोगों के लिए जानलेवा बनता जा रहा है। इनके कारण पिछले एक साल में अस्थमा मरीजों की संख्या 30 फीसद तक बढ़ गई है। जिला अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 40 मरीज अस्थमा पीड़ित पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार शहर की हकीकतनगर जैसी प्रमुख सड़कों की हालत बेहद खराब है। जगह-जगह गड्ढे और टूटी सड़कें से न केवल आना जाना मुश्किल हो रहा है, बल्कि उड़ती धूल सांस संबंधी बीमारियों को भी जन्म दे रही है। सबसे अधिक असर बच्चों और बुजुर्गों पर देखने को मिल रहा है, जिनकी प्रतिरोधक क्षमता पहले से ही कमजोर होती है।
फसल कटाई भी बढ़ा रही प्रदूषण चिकित्सकों की मानें तो सड़कों की मरम्मत में लापरवाही और गेहूं कटाई के मौसम में खेतों से उड़ती धूल मिलकर प्रदूषण को कई गुना बढ़ा देती है। गेहूं की कटाई और निकासी के दौरान खेतों में भारी मात्रा में धूल उड़ती है, जो अस्थमा के मरीजों की तकलीफ को और अधिक बढ़ा देती है। गर्मियों में बढ़ रहे मरीज जिला अस्पताल में तैनात चेस्ट फिजिशियन डॉ. प्रदीप कुमार के अनुसार, गर्मियों में अस्थमा के मरीजों की संख्या में 20 से 30 प्रतिशत तक इजाफा हो जाता है। सुबह और शाम के समय जब धूल और धुआं अधिक सक्रिय होता है तब मरीजों को सांस लेने में सबसे ज्यादा परेशानी होती है। इन बातों का रखें ध्यान 1. नियमित चेकअप कराएं, समय-समय पर जांच कराते रहे। 2. डॉक्टर की सलाह अनुसार, हल्का शारीरिक व्यायाम करें जिससे फेफड़े मजबूत हों। 3. निर्माण स्थल, प्रदूषित सड़कें और धूम्रपान वाले स्थानों से दूर रहें। 4. घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग करें। 5. धूम्रपान पूरी तरह से छोड़ें, खुद भी धूम्रपान न करें और न ही दूसरों के धुएं के संपर्क में आएं।
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