पैथालॉजी और डॉक्टर मरीजों में कर रहे भय पैदा: सीएमओ
डेंगू के लगातार बढ़ रहे प्रकोप और जिले में भय के माहौल पर स्वास्थ्य विभाग ने चुप्पी तोड़ी...
डेंगू के लगातार बढ़ रहे प्रकोप और जिले में भय के माहौल पर स्वास्थ्य विभाग ने चुप्पी तोड़ी है। खुद सीएमओ ने माना है कि जिले में डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं। जिससे मरीजों में भय का माहौल है। निजी पैथालॉजी सेंटर और निजी डॉक्टर इसका फायदा उठा रहे हैं।
मरीजों को डेंगू का भय दिखाकर लूट-खसौट की जा रही है। सीएमओ ने कहा कि 24 पैथालॉजी के खिलाफ कार्रवाई हुई है। जबकि कुछ डॉक्टर भी निशाने पर हैं। उन्होंने कहा कि पैथालॉजी सेंटर डेंगू की जांच के लिए जिस किट का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसे स्वास्थ्य विभाग मान्यता नहीं देता है। बुधवार को अपने कार्यालय पर सीएमओ डॉ. बीएस सोढ़ी ने प्रेसवर्ता की। सीएमओ ने बताया कि सामान्य किट से जांच में डेंगू पॉजिटिव आने का मतलब यह नहीं है। सामान्य किट से डेंगू होने पर जरूरी नहीं है कि मरीज को वाकई डेंगू हो गया है। कई बार डेंगू न होने पर भी इस किट से रिपोर्ट पॉजिटिव आती है। सीएमओ ने कहा कि डेंगू की पुष्टि का एक मात्र आधार केवल एलाइजा टेस्ट है। एलाइजा टेस्ट से डेंगू में ही पॉजिटिव आता है। निजी पैथालॉजी संचालकों ने बुखार का भय बना दिया है। जिसकी आड़ में निजी पैथालॉजी संचालक मरीजों की रिपोर्ट में डेंगू बताकर मरीजों से मोटी रकम वसूल रैपिड टेस्ट के नाम पर मरीजों की जेबें ढीली की जा रही है। सीएमओ ने कहा कि डेंगू की जांच एलाइजा विधि द्वारा ही प्रमाणिक मानी जाती है। जो जिला अस्पताल में मुफ्त में की जाती है। डेंगू के लक्षण दिखाई देने पर मरीज बिना घबराहट के सरकारी लैब में आकर अपना एलाइजा टेस्ट करा सकता है। एलाइजा जांच के बाद ही डेंगू होने या न होने की पुष्टि हो सकती है।उधर, सीएमओ ने बतायसा कि अब तक स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू के 112 मामलों की पुष्टि की है। हालांकि डेंगू से मरीज की मौत का अभी तक एक भी केस सामने नहीं आया है। वायरल फीवर में प्लेटलेट्स हो जाती है। स्वास्थ्य विभाग लगातार बुखार पीड़ित गांवों में पहुंचकर एंटी लारवा और फॉगिंग करा रही है।
मौतें बुखार से नहीं, अन्य बीमारियों से हुईसीएमओ डॉ. बीएस सोढ़ी ने बताया कि जिले में अब तक जितनी भी मौत हुई है, वह बुखार से नहीं बल्कि अन्य बीमारियों से हुई हैं। किसी को ब्रेन हेमरेज, टीवी आदि बीमारियां थी। जिले में 24 पैथालॉजी कराई बंदचिकित्सा विभाग ने 24 पैथालॉजी को बंद कराया है। जिनमें नकुड़, सरसावा, छुटमलपुर और शहर की पैथालॉजी शामिल है। जांच के दौरान किसी भी पैथालॉजी के कागजात पूरे नहीं मिले। जिस पर चिकित्सा विभाग ने कार्रवाई करते हुए बंद कराया। सीएमओ ने कहा कि कई डॉक्टर उनके निशाने पर है।