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दारुल उलूम का फतवा- अच्छे प्रत्याशी के हक में मतदाता करें मतदान: दारुल उलूम

पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव और उसके बाद अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सोशल मीडिया पर दारुल उलूम के फतवे से हलचल मची...

दारुल उलूम का फतवा- अच्छे प्रत्याशी के हक में मतदाता करें मतदान: दारुल उलूम
हिन्दुस्तान टीम,सहारनपुरMon, 19 Nov 2018 12:18 AM
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पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव और उसके बाद अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सोशल मीडिया पर दारुल उलूम के फतवे से हलचल मची है। फतवे में संस्था के इफ्ता विभाग से पूछा गया है कि क्या मुसलमान चुनाव लड़ सकता है? और किसके पक्ष में मतदान करना चाहिए?

संस्था के मुफ्ती-ए-कराम ने मतदाताओं को वोट की शरई हैसियत बताने के साथ-साथ कहा कि झूठे-फरेबी के बजाए अच्छे प्रत्याशी के हक में मतदान करना चाहिए। चुनाव में मतदान करने और मुसलमानों के चुनाव में खड़ा होने को लेकर सोशल मीडिया पर दारुल उलूम का फतवा लोगों की जिज्ञासा का केंद्र बना हुआ है। फतवे में देश के ही एक व्यक्ति ने सवाल करते दारुल उलूम के इफ्ता विभाग से तीन सवाल करते हुए जानना चाहा है कि मजहब-ए-इस्लाम में वोट की शरई हैसियत क्या है? क्या मुसलमानों को चुनाव लड़ना चाहिए? और क्या मुसलमानों को मतदान करना चाहिए? दारुल उलूम के इफ्ता विभाग से चुनाव को लेकर पूछे गए सवालों का फतवे के माध्यम से जवाब देते हुए कहा कि वोट की शरई हैसियत शहादत (गवाही) है। मतदाता यह गवाही उसी प्रत्याशी के हक में वोट के रूप में अदा करे, जिसके बारे में उन्हें अच्छे से जानकारी हो कि वह जायज-नाजायज में फर्क समझता हो। साथ ही झूठ, फरेब, धोखे और झूठे वादों के आधार पर हमसे हमारी शहादत (गवाही या वोट) हासिल नहीं करना चाहता हो। इसलिए हमारा उसी व्यक्ति के पक्ष में मतदान करना वाजिब और शरई फर्ज है। मुफ्ती-ए-कराम ने दूसरे सवाल के जवाब में कहा कि किसी भी मुसलमान के लिए कोई भी चुनाव लड़ना जायज है। दारुल उलूम के इफ्ता विभाग ने वोट डालने में भी जरूरी एहतियात बरतने की हिदायत करते हुए कहा कि हमें सोच समझकर मतदान करना, मतदान करते हुए उचित प्रत्याशी का चयन करें और जिस उम्मीदवार से नुकसान पहुंचने का अंदेशा हो, उसके पक्ष में मतदान न करने की हिदायत भी फतवे में की गई है।

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