लॉकडाउन ने बढ़ाई ट्रांसपोर्टरों की दिक्कतें
-गाड़ी जहां तहां फंसी, किसी की गाड़ी शाहजहांपुर तो किसी की पंजाब में फंसी ड़ियां लॉक डाउन के चलते देश और प्रदेश में जहां गीता फंस गई हैं इससे ट्रांसपोर्टरों को एक और माल खराब होने का खतरा सता रहा है...
कोरोना के चलते लॉकडाउन से कारोबारी तबका भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सबसे गंभीर समस्या ट्रांसपोर्टरों के सामने हैं जिनकी गाड़ियां लॉक डाउन के चलते देश और प्रदेश में जहां गीता फंस गई हैं इससे ट्रांसपोर्टरों को एक और माल खराब होने का खतरा सता रहा है वही दूसरी ओर सुरक्षा को लेकर भी चिंता है। इसके साथ ही सबसे बड़ी समस्या ई वे बिल की वैधता को लेकर है, जिससे ट्रांसपोर्टरों को जुर्माने और टैक्स का भी डर सता रहा है।
ड्राइवर भी या तो ट्रको को जहां-तहां छोड़कर वापस आ गए हैं या फिर उन्हें भी खाने पीने की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।शहर के मशहूर ट्रांसपोर्ट संयम कक्कड़ कहते हैं कि उनकी करीब एक दर्जन गाड़ियां बीच रास्ते में फंसी हुई हैं। इन गाड़ियों में परचून व सैनिटाइजर आदि जरूरी सामान है तो वही जूते, कपड़े व किताब आदि भी है। संयम कहते हैं कि गाड़ियां फंसने से जा ई वे बिल खत्म होने को लेकर टैक्स व जुर्माने का डर है वहीं गाड़ियों और माल की सुरक्षा की भी चिंता है।
प्रशासन को चाहिए कि किसी तरह गाड़ियों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जाए। पेपर मिल से जुड़े ट्रांसपोर्टर प्रमोद चावला की भी यही समस्या है। इनकी कई गाड़ियां पेपर व केमिकल आदि की भरी खड़ी है तो एक गाड़ी रामपुर मनिहारान में फंसी है। प्रमोद कहते हैं कि सभी ट्रांसपोर्टरों के साथ यही समस्या है। इसके चलते लागत भी बढ़ रही है कब प्रशासन को चाहिए कि कैसे भी करके गाड़ियों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जाए वही अगर कोई आवश्यक आइटम आदि मंगाई जाए तो उसके लिए विधिवत आने-जाने के पास आदि दिए जाएं।
उधर, एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन अवधेश कुमार सिंह व्यापारियों की ई वे बिल की समस्या पर कहते हैं कि अभी ऐसी कोई दिक्कत नहीं है लॉक डाउन खुलने पर इस समस्या का भी कोई ना कोई समाधान निकाला जाएगा।