चुनाव समाप्त: कोरोना को हराने के लिए खेतों में जुटे किसान
कोरोना के प्रकोप और ऑक्सीजन की कमी देखते हुए शहर में रहने वाले गांव के परिवार फिर से वापसी करने लगे हैं। पंचायत चुनाव सम्पन्न होने के बाद किसानों ने...
हापुड़। कोरोना के प्रकोप और ऑक्सीजन की कमी देखते हुए शहर में रहने वाले गांव के परिवार फिर से वापसी करने लगे हैं। पंचायत चुनाव सम्पन्न होने के बाद किसानों ने कोरोना को हराने के लिए नियम बनाने शुरू कर दिए हैं। किसानों ने फिर से खेतों का सहारा लेना शुरू कर दिया है।
पंचायत चुनाव में मौत के डर को भी पीछे छोड ग्रामीणों ने जमकर वोट किए है। जबकि इस दौरान गांवों में बुखार से लगातार मौत हो रही है। चुनाव को देखते हुए गांव में होने वाली मौत की जिक्र भी ग्रामीणों ने करना उचित नहीं समजा है। क्योंकि गढ़ के कई गांवों में मौत होने के बाद बी ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार करने के बाद वोट किए हैं।
सरकार को दी वोट, अब कोरोना को मात--
खादर के गांवों में किसानों ने एक दूसरे से संपर्क करना बंद कर दिया है। केवल घर के बाहर चारपाई डालकर दूर दूर बैठकर बात करना शुरू कर दिया है। गांवों में लोगों ने एक दूसरे से दूरी बनाने के साथ मास्क का भी प्रयोग करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा शहरों में रहने वाले परिवारों ने फिर से गांवों के लिए वापसी शुरू कर दी है। हापु़ड़ से राजकुमार त्यागी का पूरा परिवार किला परीक्षतगढ़ के गांव मोई के लिए चला गया है।
खेत में ऑक्सीजन की पूर्ति---
गांव झड़ीना, भगवंतपुर, नया गांव, हैदरपुर के किसानों का कहना है कि ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए नीम के पेड़ के नीचे चारपाई बिछानी शुरू कर दी है। इसके अलावा खेतों पर गन्ना बुआई कर रहे हैं, रात को जंगल में ही रुक रहे हैं। क्योंकि खेतों में काम करने से ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी।