ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश सहारनपुरसहारनपुर हिंसा: बवाल के बाद मोबाइल-इंटरनेट बैन, धारा 144 लागू

सहारनपुर हिंसा: बवाल के बाद मोबाइल-इंटरनेट बैन, धारा 144 लागू

यूपी के सहारनपुर जिले में मंगलवार को हुए बवाल के बाद यहां तनाव की स्थिति बनी हुई है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए धारा 144 लागू कर दिया गया है। साथ ही अफवाहों को रोकने के लिए प्रशासन ने...

saharanpur violence
1/ 2saharanpur violence
saharanpur
2/ 2saharanpur
लाइव हिन्दुस्तान,सहारनपुरThu, 25 May 2017 12:31 PM
ऐप पर पढ़ें

यूपी के सहारनपुर जिले में मंगलवार को हुए बवाल के बाद यहां तनाव की स्थिति बनी हुई है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए धारा 144 लागू कर दिया गया है। साथ ही अफवाहों को रोकने के लिए प्रशासन ने मोबाइल और इंटरनेट पर रोक लगा दी है। इस हिंसा के लिए कांग्रेस और मायावती की पार्टी बीएसपी यूपी सरकार को घेर रही है। दूसरी ओर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हिंसा के बाद डीएम और एसएसपी को हटा दिया है। जबकि मंडलायुक्त और पुलिस उप महानिरीक्षक के तबादले कर दिए गए हैं। मामले के खिलाफ कई लोगों पर एफआईआर दर्ज हो गई है और 24 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। 

सहारनपुर हिंसा: मायावती बोलीं, हालात के लिए योगी सरकार जिम्मेदार

आपको बता दें कि पिछले तीन हफ्तों से सुलग रहे सहारनपुर में मंगलवार को बसपा प्रमुख मायावती के दौरे के बाद दोबारा हिंसक भड़क उठी। उनके दौरे के एक दिन बाद ही जनता रोड इलाके में एक और युवक को गोली मार दी गई। इस मामले में पुलिस मामले की जांच में जुटी है। 

राहुल पीड़ित दलितों से मिलने सहारनपुर जाएंगे

कांग्रेस ने सहारनपुर में हिंसा के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए डीएम और एसएसपी के खिलाफ एससी/एसटी (प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटीज) एक्ट के तहत कार्रवाई करनी चाहिए। दलित परिवारों से मिलने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी जल्द सहारनपुर का दौरा कर सकते हैं। कांग्रेस एससी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष के. राजू ने कहा कि प्रदेश सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है। उनके हौसले बुलंद है, क्योंकि उन्हें यकीन है कि प्रशासन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा। एक खास समुदाय की होने की वजह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हें बचा लेंगे।

क्या है पूरा मामला

विवाद की शुरुआत 5 मई को हुई। सहारनपुर से 25 किलोमीटर दूर शिमलाना गांव में महाराणा प्रताप जयंती का आयोजन था, जिसमें शामिल होने के लिए पास के शब्बीरपुर गांव से कुछ लोग शोभा यात्रा निकाल रहे थे। विवाद इतना बढ़ा कि दोनों तरफ से पथराव होने लगा, इस दौरान उच्च जाति के एक युवा की मौत हो गई इसके बाद भड़की हिंसा में कथित तौर पर उच्च जाति के लोगों ने दलितों के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की। 

इस घटना के गुस्से में आए दलित संगठन भीम आर्मी ने 9 मई को सहारनपुर के गांधी पार्क में एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया। दलितों के प्रदर्शन के बाद भड़की हिंसा मेंएक पुलिस चौकी फूंक दी गई और वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इसके बाद भीम आर्मी के सदस्य चंद्रशेखर आजाद रावण पर मुकदमा दर्ज किया गया। भीम आर्मी के सदस्यों पर कुल 16 मुकदमे दर्ज किए गए है। शब्बीरपुर और सहारनपुर की घटना के विरोध में भीम आर्मी ने 21 मई को दिल्ली के जंतर मंतर पर एक प्रदर्शन आयोजित किया था। चंद्रशेखर ने जंतर-मंतर पर पुलिस के सामने सरेंडर करने की बात कही थी लेकिन उन्होंने अब तक ये नहीं किया है।

 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें