कलंक कथा : दो साल पहले जमा कराया था हाउस टैक्स, नहीं मिला कोई रिकॉर्ड
एक व्यक्ति ने दो साल पहले हाउस टैक्स जमा कराया। 38 हजार रुपये की रसीद भी नगर निगम द्वारा दी गई थी। लेकिन, टैक्स जमा नहीं हुआ और अब रसीद का भी...

एक व्यक्ति ने दो साल पहले हाउस टैक्स जमा कराया। 38 हजार रुपये की रसीद भी नगर निगम द्वारा दी गई थी। लेकिन, टैक्स जमा नहीं हुआ और अब रसीद का भी रिकार्ड तक नहीं मिल रहा। पीड़ित ने नगर आयुक्त को प्रार्थनापत्र सौंपकर कार्रवाई की मांग की है। उधर, पार्षदों का आरोप है कि नगर निगम में फर्जी रसीद जारी करने वाला गैंग भी सक्रिय हैं।
महानगर के शाहविलाल निवासी गुलाम साबिर ने नगर आयुक्त को प्रार्थनापत्र सौंपा। बताया जुलाई 2018 में उसने मकान और दुकान का टैक्स नगर निगम में जमा कराया था। कैश जमा कराने के बाद 38 हजार रुपये की रसीद भी उसे दी गई थी। कुछ दिन पहले हाउस टैक्स का बिल मिला तो उसमें वर्ष 2018 तक का बकाया दिखाया गया। इस संबंध में टैक्स विभाग से बात की गई तो पता चला कि जो रसीद दी गई थी, उसका नगर निगम में कोई रिकार्ड नहीं है। गुलाम साबिर ने नगर आयुक्त से टैक्स कम करने और लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
उधर, पार्षद मंसूर बदर का कहना है कि नगर निगम टैक्स विभाग में एक गैंग सक्रिय है। जो टैक्स जमा कराकर फर्जी रसीद लोगों को देता है। जिसका रिकार्ड नगर निगम में नहीं होता। साथ ही टैक्स में जमा किए गए पैसे भी नगर निगम कोष में जमा नहीं होते। उनका कहना है कि ऐसे लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि बोर्ड की बैठक में भी यह मामला उठाया जा चुका है।
