सहारनपुर में सजायाफ्ता कैदियों की रिहाई पर न्यायाधीश ने जताई नाराजगी
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में कोरोना वायरस के चलते पूर्णबंदी के दौरान जिला जेल से आठ कैदियों की रिहाई किए जाने को लेकर एससी/एसटी अदालत के विशेष न्यायाधीश ने जेलर को तलब कर कड़ी नाराजगी...
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में कोरोना वायरस के चलते पूर्णबंदी के दौरान जिला जेल से आठ कैदियों की रिहाई किए जाने को लेकर एससी/एसटी अदालत के विशेष न्यायाधीश ने जेलर को तलब कर कड़ी नाराजगी जताई।
जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने गुरूवार को बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते अप्रैल में शासन ने सजायाफ्ता और बंदियों को जेल से चार-चार सप्ताह के लिए जेल से रिहा करने के निदेर्श दिये थे। आदेशों के अनुपालन में 54 सजायाफ्ता और बंदियों की रिहाई की गई थी। उनकी रिहाई को लगातार बढ़ाया जा रहा था। उसी दौरान थाना रामपुर मनिहारान के गांव नंदपुर के रहने वाले आठ सजायाफ्ता जुगनू, नीरज, सेठ पाल, मेघराज, ललित, धीरसिंह और देव कुमार आदि को जेल से रिहा किया गया था। उसके बाद इन आठों कैदियों को उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई।
उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय से जमानत लेकर इन अपराधियों के परिजन जब सहारनपुर के एससी/एसटी कोर्ट पहुंचे तो विशेष न्यायाधीश वीके लाल ने इस बात पर हैरानी जताई कि जब ये सजायाफ्ता अपराधी पहले ही रिहा हो चुके हैं। उनकी अदालत उनकी रिहाई के आदेश कैसे दे। इसी बात को लेकर न्यायाधीश वीके लाल ने सहारनपुर जेल के जेलर को अपनी अदालत में तलब किया और उन्हें निर्देश दिए कि रिहा किए गए आठों सजायाफ्ता कैदियों को पुन: बुलाकर जेल के नियमों की कार्रवाई को पूरा कराएं और तभी उन्हें रिहा करें।