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ऐसे कैसे पकड़ेंगे कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन को

कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट किया है। विदेश से आने वालों का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है, लेकिन कोरोना वायरस से किसी...

ऐसे कैसे पकड़ेंगे कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन को
हिन्दुस्तान टीम,सहारनपुरThu, 02 Dec 2021 03:15 AM
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कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट किया है। विदेश से आने वालों का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है, लेकिन कोरोना वायरस से किसी भी नए वेरिएंट की पहचान करने के लिए जीनोम सीक्वेसिंग की आवश्यकता पड़ती है। जिले में जीनोम सीक्वेसिंग की सुविधा नहीं है। यहां पर सैंपल की जांच आने में भी काफी समय लगता है। ऐसे में तो नए वेरिएंट का वायरस फैलने का ज्यादा खतरा है। हालांकि अभी तक जिले में नए वेरिएंट का कोई केस नहीं मिला है।

दक्षिण अफ्रीका में नए वेरिएंट ओमीक्रोन के फैलने से पूरे देश में अलर्ट जारी हो गया है। एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर विदेश से आने वालों की जांच की जा रही है। लोगों में नए वेरिएंट ओमीक्रोन की पुष्टि हो रही है। नए वेरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग नए सिरे से तैयारियों को करने में जुटा हुआ है।

रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर कोरोना की जांच बढ़ा गई है। एक-एक दिन में पांच हजार से अधिक लोगों की कोरोना जांच हो रही है। लेकिन नए वेरिएंट ओमीक्रोन को पकड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास कोई सुविधा नहीं है। कोरोना के नए वेरिएंट को जीनोम सीक्वेसिंग से ट्रेस होता है। सहारनपुर में व्यवस्था न होने के कारण सैंपलों को दूसरे जिलों में भेजे जाते हैं। लेकिन यहां राहत की बात यह है कि अभी तक नए वेरिएंट ओमीक्रोन का कोई नया केस नहीं मिला है।

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क्या है जीनोम सीक्वेसिंग

जीनोम सीक्वेसिंग एक तरह से किसी वायरस को बायोडाटा होता है। कोई वायरस कैसा है, किस तरह दिखता है, इसकी जानकारी जीनोम से मिलती है। इसी वायरस के विशाल समूह को जीनोम कहां जाता है। वायरस के बारे में जानने की विधि को जीनोम सीक्वेसिंग कहते हैं। इससे ही कोरोना के नए वेरिएंट के बारे में पता चला है।

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स्ट्रेन क्या है

स्ट्रेन को आसान शब्दों में जेनेटिक वेरिएंट कह सकते हैं। यह सबकुछ वैसे ही है, जैसे एक ही कंपनी की कारें अलग-अलग वेरिएंट में आती है। एक ही मॉडल के अलग-अलग वेरिएंट की क्षमता अलग-अलग होती है।

-वर्जन

नए वेरिएंट ओमीक्रोन को लेकर स्वास्थ्य विभाग तैयारी कर रहा है। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर सैंपलिंग बढ़ा गई है। जीनोम सीक्वेसिंग की जिले में अभी सुविधा नहीं है। अगर नए वेरिएंट का केस मिलता है तो उसका सैंपल बाहर भेजा जाएगा।

-डॉ. संजीव मांगलिक, सीएमओ

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