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ऐतिहासिक गोगा म्हाड़ी पर नहीं चढ़े निशान और प्रसाद

ऐतिहासिक श्री जाहरवीर गोगा जी महाराज की म्हाड़ी पर इस बार भी निशान और प्रसाद नही चढा। दूर दराज से आएं श्रद्धालु दूर से ही हाथ जोडकर बैरंग लौट गए।...

ऐतिहासिक गोगा म्हाड़ी पर नहीं चढ़े निशान और प्रसाद
हिन्दुस्तान टीम,सहारनपुरThu, 16 Sep 2021 11:20 PM
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ऐतिहासिक श्री जाहरवीर गोगा जी महाराज की म्हाड़ी पर इस बार भी निशान और प्रसाद नही चढा। दूर दराज से आएं श्रद्धालु दूर से ही हाथ जोडकर बैरंग लौट गए। पुलिस ने गेट पर ही श्रद्धालुओं को अंदर जाने से रोक दिया था। प्रधान छडी नेजा की अगुवाई में शाम को सभी 26 छडियां म्हाड़ी स्थल पर पहुंची। जहां छड़ियों का पूजन किया गया।

कोरोना के चलते इस बार भी श्री जाहरवीर गोगा जी महाराज की म्हाड़ी पर मेला नहीं लगा और न ही भक्तों को निशान व प्रसाद चढ़ाने की अनुमति मिली। सुबह से ही म्हाड़ी स्थल पर भक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरु हो गया था। म्हाड़ी स्थल के चारों और पुलिस की ओर से बैरिकेडिंग की गई थी। वहीं गेट पर श्रद्धालुओं को रोका जा रहा था। भक्तों के न पहुंचने से म्हाड़ी स्थल सुनसान पड़ा हुआ था। वहीं प्रधान छड़ी के साथ 26 छड़ियां अंबाला रोड स्थित श्री विश्रामपुरी काल भैरव मंदिर पहुंची और फिर वहां से सभी छड़ियों ने गंगोह रोड स्थित म्हाड़ी स्थल के लिए प्रस्थान किया। म्हाड़ी के पुजारी श्रीराम कश्यप ने बताया कि हर साल म्हाड़ी स्थल पर तीन दिन में पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचते थे, लेकिन इस बार कोरोना के चलते प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं दी गई।

-हरियाणा, उत्तराखंड और दिल्ली से पहुंचे थे श्रद्धालु

श्री जाहरवीर गोगाजी महाराज की म्हाड़ी पर हरियाणा, उत्तराखंड व दिल्ली तक के श्रद्धालु प्रसाद चढ़ाने को पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने उनकों बाहर ही रोक दिया था। उत्तराखंड के लक्सर से आएं नीरज ने बताया कि वो 12 साल बाद म्हाड़ी पर आएं है लेकिन निशान नहीं चढा पाएं है। दूर से ही म्हाड़ी स्थल को हाथ छोड़कर अपने घर वापस जा रहे है। प्रसाद व निशान न चढ़ा पाने के कारण श्रद्धालु मायूस होकर घर लौट गए थे।

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