गेल पाइपलाइन में खतौनी में गलत रकबा चढाने को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन
गेल पाइपलाइन में खतौनी में गलत रकबा चढ़ाने को लेकर प्रभावित किसानों ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और डीएम के नाम दिए ज्ञापन में आदेश निरस्त करने और खतौनी दुरुस्त कराने की मांग...
गेल पाइपलाइन में खतौनी में गलत रकबा चढ़ाने को लेकर प्रभावित किसानों ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और डीएम के नाम दिए ज्ञापन में आदेश निरस्त करने और खतौनी दुरुस्त कराने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि ऐसा न होने पर दीपाखेड़ी सब-स्टेशन पर तालाबंदी करने का काम किया जाएगा।
किसानों ने कहा कि समझौते में 20 मीटर चौड़ाई थी। दूसरा, खतौनी में दर्ज करने की भी कोई बात नहीं थी। कहा कि गेल कंपनी का यह रवैया गैर कानूनी व छल से भरा हुआ है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। खास है कि गेल इंडिया कंपनी की दीपाखेड़ी से लक्सर पाइपलाइन में किसानों से 20 मीटर चौड़ी जमीन का भू-उपयोग (राईट ऑफ यूज) लिया गया था। 2012 में प्रशासन की मध्यस्थता में किसानों और कपंनी के बीच 20 मीटर का समझौता हुआ था और इतने का ही मुआवजा किसानों को दिया गया था लेकिन अब तहसीलदार देवबंद ने अपने आदेशों से खतौनी में गेल पाइपलाइन की चौड़ाई 30 मीटर चढ़ा दी है। इसे लेकर किसानों में रोष है और सोमवार को कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर कहा कि समझौते में खतौनी में दर्ज कराने की भी बात नहीं थी।
किसान नेता पंकज त्यागी ने कहा कि गेल कंपनी का यह रवैया गैर कानूनी है और छल से भरा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे किसानों को करोड़ों का भारी नुकसान है। कहा प्रशासन अपने आदेशों को निरस्त करें और सभी किसानों की खतौनी दुरस्त कराएं। अन्यथा गेल के दीपाखेडी सब स्टेशन पर तालाबंदी करने का काम करने को मजबूर होना पडेगा। सोमपाल राणा, तासीन, तेग सिंह, बिजेंद्र , अरविंद, जगदीश त्यागी, मैनपाल, कर्मसिंह, रामवीर सढ़ोली, आवेश, महक सिंह, मेघश्याम आदि रहे।