डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनने से आसान होगी एक्सप्रेस ट्रेनों की राह
अमृतसर-कोलकत्ता के बीच डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का काम तेजी से चल रहा है। इसके बनने से एक्सप्रेस ट्रेनों का राह आसान हो जाएगी। मालगाड़ी के संचालन को...
अमृतसर-कोलकत्ता के बीच डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का काम तेजी से चल रहा है। इसके बनने से एक्सप्रेस ट्रेनों का राह आसान हो जाएगी। मालगाड़ी के संचालन को अलग ट्रैक मिल जाएगा। सहारनपुर में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का काम शारदा नगर ओवरब्रिज तक पहुंच गया है। इससे यात्रियों को भी बड़ी राहत मिलेगी। रेलवे के राजस्व में इजाफा होगा।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर अमृतसर से कोलकत्ता तक बन रहा है। जिसका काम सहारनपुर तक पहुंच गया है। सहारनपुर में फ्रेट कॉरिडोर की जद में रेलवे भवन आ रहे हैं। जिन्हें शिफ्ट करने के लिए रेलवे कालोनी में भवन बनाएं जा रहे हैं। जब तक भवन बन नहीं जाते तब तक कॉरिडोर की जद में आ रहे भवनों को ध्वस्त नहीं किया जाएगा।
अभी तक यात्री और मालगाड़ी के एक ही ट्रैक है। जिसकी वजह से मालगाड़ी को बीच आउटर पर रोककर एक्सप्रेस को निकाला जाता है। इससे माल ढुलाई में काफी समय लग जाता है। कॉरिडोर से मालगाड़ियों को जहां अपना ट्रैक मिलेगा, वहीं पहले से चल रहे ट्रैक पर लोड कम होने से यात्री ट्रेनों की राह आसान होगी।
-मालगाड़ी 100 से 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगी
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर यात्री ट्रेनों से गुजारा जा सकेगा। इसके साथ ही कॉरिडोर के ट्रैक पर मालगाड़ी 100 से 135 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलाई जा सकेगी। यात्री ट्रेनों की वजह से अभी मालगाड़ियों को इतनी दूरी तय करने में कई बार पूरा दिन लग जाता है।
-यह मिलेगी राहत
पहले से मौजूद ट्रैक पर सामान्य दिनों में करीब 60 से 70 मालगाड़ियां, जबकि 150 यात्री ट्रेनें दौड़ रही थीं। कोरोना काल में मालगाड़ियों की संख्या उतनी ही है, लेकिन यात्री ट्रेनों की संख्या अब 20 है। इमरजेंसी में यात्री रेल भी इस ट्रैक पर लाई जा सकेंगी।
-वर्जन
अमृतसर से कोलकत्ता के बीच बन रहा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का काम सहारनपुर तक आ गया है। इसके बनने से एक्सप्रेस ट्रेनों की राह आसानी हो जाएगी। इमरजेंसी में मालगाड़ी के ट्रैक पर यात्री ट्रेन को लाया जा सकता है।
कपिल शर्मा, स्टेशन अधीक्षक