सहारनपुर हिंसा : आठ की लगी क्लोजर रिपोर्ट, 16 आरोपी चिन्हित
जिले में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने आठ लोगों की नामजदगी गलत मानते हुए उनकी रिहाई के लिए क्लोजर रिपोर्ट लगा दी है, जबकि दो लोगों को निर्दोष मानते हुए उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया है। बसपा...
जिले में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने आठ लोगों की नामजदगी गलत मानते हुए उनकी रिहाई के लिए क्लोजर रिपोर्ट लगा दी है, जबकि दो लोगों को निर्दोष मानते हुए उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया है। बसपा सुप्रीमो के दौरे के बाद भड़की हिंसा के मामले में 16 नए आरोपियों को चिन्हित कर लिया है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए दबिशें दी जा रही हैं। जिले में हुई हिंसा के मामले में नामजदगी को लेकर पहले ही दिन से सवाल उठ रहे हैं और अधिकारी भी लगातार दावा करते आ रहे हैं कि वह किसी निर्दोष को इस मामले में नहीं फंसायेंगे और जिनके खिलाफ साक्ष्य होंगे वह ही लोग जेल जायेंगे और जिनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिलेगा उन्हें नहीं फंसाया जाएगा और जो निर्दोष जेल भी चले गये हैं, उन्हें भी रिहा कराया जाएगा। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि 23 मई को बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के दौरे के बाद हुई हिंसा के मामले में अम्बेहटा चांद के आठ लोगों की नामजदगी गलत पायी गई है। जिन्हें वह रिहा करा रहे हैं और इसके लिए न्यायालय में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी गई है। इसके अलावा ही हिंसा के मामले में ही अम्बहेटा चांद के ही 16 नए आरोपी भी चिन्हित हो गये हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए वह प्रयास कर रहे हैं और दबिशें दी जा रही हैं, जिनके खिलाफ पुलिस के पास सारे साक्ष्य हैं। इसके साथ ही 9 मई को रामनगर में हुई आगजनी के मामले में जेल में बंद अनिल और शिवम नामक युवाओं की जेल से रिहाई करा दी गई है। जिनके खिलाफ पुलिस को कोई साक्ष्य ना मिलने पर उन्हें निर्दोष माना गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी भी निर्दोष को जेल नहीं भेजा जाएगा और दोषी को बख्शा नहीं जायेगा। ये हैं आठ जिनकी थी गलत नामजजगी मेहर पुत्र पीताम्बर, अनिल पुत्र रामानन्द, हिमांशु पुत्र संजय, हरपाल पुत्र किशन सिंह, अमरीश पुत्र काला, अंकित पुत्र घनशम, रोहित पुत्र चन्द्रपाल, अभिषेक पुत्र अशोक निवासी अम्बेहटा चांद