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भ्रष्टाचार में शिक्षा विभाग के लिपिक को पांच साल की सजा

भ्र्रष्टाचार में लिप्त शिक्षा विभाग के लिपिक को एंटी करप्शन की अदालत ने पांच साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया...

भ्रष्टाचार में शिक्षा विभाग के लिपिक को पांच साल की सजा
हिन्दुस्तान टीम,सहारनपुरTue, 18 Feb 2020 11:49 PM
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भ्र्रष्टाचार में लिप्त शिक्षा विभाग के लिपिक को एंटी करप्शन की अदालत ने पांच साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। दस साल पहले बीएसए ऑफिस में तैनात बाबू को 12 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। मंगलवार को अपर सत्र न्यायधीश, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अदालत ने शिक्षा विभाग के लिपिक सतेंद्र तोमर को भ्रष्टाचार के आरोप में पांच साल के कारावास की सजा सुनाई। बीएसए कार्यालय में तैनात तत्कालीन लिपिक सतेंद्र तोमर को 2009 में एंटी करप्शन की टीम ने साढे बारह हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। कुंडाकला में तैनात सहायक अध्यापक वेदपाल सिंह का गांव हरपाली के स्कूल में पारस्परिक हंस्तानांतरण होना था। जिसकी एवज में लिपिक द्वारा सहायक अध्यापक से रिश्वत की मांग की जा रही थी। सहायक अध्यापक वेदपाल सिंह ने मामले की शिकायत मेरठ एंटी करप्शन में की थी। एंटी करप्शन की टीम सहारनपुर पहुंची और बाबू को रंगेहाथ गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया। एंटी करप्शन टीम ने बाबू को साढे बारह हजार की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया था। एंटी करप्शन की ओर से थाना जनकपुरी मे मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने सतेंद्र तोमर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जिसके बाद लिपिक को जमानत मिल गई थी। हाल में लिपिक संयुक्त शिक्षा निदेश के यहां वरिष्ठ लिपिक के पद पर तैनात था। एडीजीसी वीरेश त्यागी ने बताया अभियुक्त सतेंद्र तोमर को अदालत ने दस साल कारावास की सजा और दस हजार रुपये अर्थदंड लगाया है।

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