चंद्र ग्रहण के चलते सुबह से ही सभी मंदिरों के कपाट रहे बंद
साल का पहला चंद्रग्रहण बुधवार को हुआ। चंद्रग्रहण शाम 5:17 बजे से शुरू होकर रात 8:42 बजे तक...
साल का पहला चंद्रग्रहण बुधवार को हुआ। चंद्रग्रहण शाम 5:17 बजे से शुरू होकर रात 8:42 बजे तक रहा। लेकिन चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक लगने के कारण सुबह 8 बजे से ही सभी मंदिरो के कपाट बंद हुए। जो गुरुवार को खुलेंगे।बुधवार को चंद्र ग्रहण के चलते सुबह से ही मंदिरों के कपाट बंद हो गए थे। चन्द्रग्रहण को लेकर लोगों में अधिक उत्सुकता थी और शाम के समय अनेक लोगों ने अपने घरों की छतों से चन्द्रग्रहण को देखा, जबकि अधिकांश लोगों ने घर के अंदर बैठकर टीवी पर ही चन्द्रग्रहण को निहरा। ग्रहण के चलते बुधवार की सुबह से ही सूतक लग जाने की वजह से सभी मंदिरों के कपाट बंद हो गये थे। मान्यता है कि ग्रहण काल में भगवान की प्रतिमाओं का स्पर्श नहीं किया जाता है इसलिए मंदिरों के कपाट बंद रहें।
आचार्य अमित भारद्वाज ने बताया कि चंद्रग्रहण का समय जप-तप साधना के लिए श्रेष्ठ रहता है। चंद्रग्रहण के दौरान नाखून, बाल आदि नही काटने चाहिए। चंद्रग्रहण देखने लिए टीवी से लोग चिपके रहे। आचार्य ने बताया कि इस चंद्र ग्रहण को खग्रास चंद्रग्रहण कहा जाता है। उन्होने बताया कि सूतक लगने के कारण बुधवार की सुबह ही बंद कर दिए गए थे। गुरुवार को गंगाजल के स्नान के साथ मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। उन्होंनें बताया कि जिन लोगो ने चंद्रग्रहण काल में जप, ध्यान, दान आदि किया है उन्हें काफी लाभ मिलेगा।