देवबंद क्षेत्र की बिजली आपूर्ति में सुधार को बनाए जा रहे 220 केवीए के बिजली घर के लिए खरीदी गई जमीन से फसल कटाई करने के दौरान किसानों ने हंगामा कर दिया। जहां पॉवर कारपोरेशन के अधिकारी जमीन का पूर्ण रुपया चुकाने का दावा कर रहे हैं वहीं कुछ किसानों ने उनकी जमीन का उचित मुआवजा न दिए जाने पर टीम का विरोध किया। विरोध को देखते हुए मौके पर पुलिस बल को भी बुलाना पड़ा।
सोमवार को निर्माणाधीन बिजलीघर को खरीदी गई जमीन पर कब्जा लेने पहुंचे कारपोरेशन के अधिकारियों को किसानों के विरोध का उस समय सामना करना पड़ा जब जेसीबी मशीन से पॉपलर के पेड़ों को उखाड़ा जा रहा था। इस दौरान वहां पहुंचे किसान अरुण, यशपाल, अभिषेक आदि किसानों विरोध करते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि उन्हें उनकी जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिलने के चलते उन्होंने मामला न्यायालय में दायर किया हुआ है। इसलिए न्यायालय का फैसला आने तक पॉवर कारपोरेशन उनकी जमीनों पर कब्जा नहीं ले सकता और न ही कोई निर्माण कर सकता। इस दौरान जब किसानों और पावर कारपोरेशन के अधिकारियों में विवाद बढ़ा तो मौके पर पुलिस को बुलाना पड़ा। किसानों ने बताया कि 27 जनवरी को न्यायालय में सुनवाई है और पॉवर कारपोरेशन की टीम न्यायालय की अवहेलना कर रही है। कोतवाली प्रभारी अशोक सोलंकी ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है और पुलिस जांच कर रही है। वहीं एसडीओ ट्रांसमिशन सत्येंद्र कुमार ने बताया कि न्यायालय में विचाराधीन मामले की कोई जानकारी नहीं है। किसानों द्वारा लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं।