2.66 करोड़ के फर्जीवाड़े मे सवालों में घेरे में बैंक
एनएचएआई के इंडसइंड बैंक के खाते से फर्जी चेक व हस्ताक्षर से 2.66 करोड़ रुपये निकाले जाने के मामले में प्रथम दृष्टया बैंक सवालों के घेरे में...
एनएचएआई के इंडसइंड बैंक के खाते से फर्जी चेक व हस्ताक्षर से 2.66 करोड़ रुपये निकाले जाने के मामले में प्रथम दृष्टया बैंक सवालों के घेरे में हैं। जिन चार चेकों के माध्यम से 2.66 करोड़ रुपये निकाले गए है वो सभी चारो चेक मुजफ्फरनगर ब्रांच के थे लेकिन सभी का भुगतान सहारनपुर ब्रांच से हुआ है। यही नहीं दूरदराज के दूसरे राज्यों की शाखाओं में लगाए गए करोड़ों की राशि के चेक को क्लीयर करते वक्त बैंक ने एनएचएआई या एसएलएओ को सूचित करना तक गंवारा नहीं किया है। एसएमएस तक नहीं भेजा गया। चारों फर्जी चेक मुजफ्फरनगर की ब्रांच के नाम जारी हुए थे लेकिन सभी का भुगतान सहारनपुर ब्रांच से प्राप्त किया गया है। एसएलएओ व सिटी मजिस्ट्रेट राजेश कुमार ने बताया कि उनके द्वारा एनएचएआई के दो हाइवे में जमीन अधिग्रहण का काम चल रहा है। एक सहारनपुर में रुड़की-अंबाला नेशनल हाईवे का बाईपास है जबकि दूसरा मुजफ्फरनगर में एनएच-58 का है। दोनों ही मामलों में उनके द्वारा किसानों को मुआवजे के चेक दिए जाते हैं। जिन चार चेक का भुगतान हुआ है वो सभी मुजफ्फरनगर ब्रांच के ही थे, लेकिन सभी का भुगतान सहारनपुर ब्रांच से हुआ है। कहा कि मुजफ्फरनगर ब्रांच के चेक देखकर ही बैंक को सचेत हो जाना चाहिए था, लेकिन भुगतान कर दिया गया। एसएलएओ राजेश कुमार के अनुसार, उनके द्वारा मुजफ्फरनगर के सभी चेक स्पेशल वाहक के माध्यम से दिए जाते हैं लेकिन यह चारों चेक को सीधे लगाया गया है। दूसरा, सभी चेक दूसरे दूरदराज के राज्यों व शहरों नासिक, मालेगांव, बेलगांव व जयपुर के होने पर भी बैंक ने उनसे जानकारी करना गंवारा नहीं समझा। यानि कहीं ना कहीं बैंक की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। बहरहाल पुलिस जांच के बाद ही कुछ स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
बढ़ सकती है फर्जीवाड़े की रकम। एनएचएआई बैंक खाते से फर्जीवाड़े की रकम बढ़ सकती है। जी हां, जहां अभी दिसंबर व उससे पूर्व में अन्य चेक लगाए जाने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा रहा है। वहीं कुछ चेक सीधे व्यक्तिगत नामों से विभिन्न जिलों में लगाए गए हैं। इन चेकों के माध्यम से कितना कितना पैसा निकाला गया है, जांच के बाद ही सही स्थिति का आंकलन हो सकेगा।