501st Annual Urs of Hazrat Qutb-e-Alam Concludes with Prayers for Peace and Prosperity कुतबे आलम तोरा मेला बिछड़ा जाए..., Saharanpur Hindi News - Hindustan
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कुतबे आलम तोरा मेला बिछड़ा जाए...

Saharanpur News - गंगोह में हजरत कुतबे आलम के 501वें सालाना उर्स का समापन हुआ। कार्यक्रमों के दौरान कव्वालियों ने गाया और अकीदतमंदों ने दुआ की। जुलूस जुब्बा शरीफ नहीं निकलने से जायरीनों को मायूसी का सामना करना पड़ा।...

Newswrap हिन्दुस्तान, सहारनपुरFri, 27 Dec 2024 11:45 PM
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कुतबे आलम तोरा मेला बिछड़ा जाए...

गंगोह मुल्क की खुशहाली व अमनो अमान और विश्व कल्याण की दुआओं के साथ हजरत कुतबे आलम के 501वें सालाना उर्स का समापन हो गया है। गुरुवार की रात कव्वालों द्वारा कुतबे आलम तोरा मेला बिछड़ा जाए......पढ़ा तो माहौल द्रवित हो उठा, अगले साल मिलने की तमन्ना के साथ ही कव्वालियों का समापन हो गया। इसके साथ ही जायरीनों की वापसी हो गई। जुलूस जुब्बा शरीफ न निकलने के चलते जायरीनों को जुब्बे की बिना जियारत के ही मायुसी से लौटना पड़ा।

पांच दिन तक चले कार्यक्रमों का शुक्रवार को समापन हो गया। इससे पूर्व गुरुवार की रात दरगाह हजरत कुतबे आलम के सज्जादा नशीन के आवास से शाही चादर का जुलूस निकला, सैंकड़ों अकीदतमंदों ने भाग लिया। दरगाह पर पहुंचकर अकीदतमंदों के साथ सज्जादा नशीन ने दुआएं की। दरगाह में रात भर कव्वालियों का सिलसिला चला, तडक में लगभग चार बजे ज्योही कुतबे आलम तोरा मेला बिछड़ा जाए......पढ़ा तो माहौल गमगीन हो उठा और सज्जादानशीं अपने परिजनों व मुरीदों के गले मिलकर अगले साल मिलने की तमन्ना करते नजर आए। शुक्रवार को कुल शरीफ हुआ व तबर्रुक और कलोंजी और कलेवा वितरित किया। उर्स के कार्यक्रमों की समाप्ति के साथ ही नगर के सभी विश्राम गृह व धर्मशालाएं जायरीनों से खाली हो गए।

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