Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Retired health worker duped of 30 lakh in 4 days through digital arrest in gorakhpur

गोरखपुर के रिटायर स्वास्थ्यकर्मी डिजिटल अरेस्ट, क्राइम अफसर बनकर महिला ने किया प्रताड़ित, 4 दिन में 30 लाख वसूले

  • साइबर ठगों ने गोरखपुर के एक रिटायर हेल्थ एजुकेटर को डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 30 लाख रुपये ठग लिए। आरोपियों ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बताकर डॉक्टर को धमकाया।

Pawan Kumar Sharma हिन्दुस्तानWed, 7 Aug 2024 03:14 PM
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यूपी के गोरखपुर के रहने वाले रिटायर हेल्थ एजुकेटर विज्येंद्र कुमार पांडेय को डिजिटल अरेस्ट कर 30 लाख रुपये की जालसाजी का मामला सामने आया है। खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बताकर जालसाजों ने मनी लांड्रिंग का डर दिखा उन्हें चार दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा और प्रताड़ित भी करते रहे। पीड़ित की तहरीर पर साइबर अपराध थाने में बुधवार को केस दर्ज कर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

ये मामला रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के सिद्धार्थ इन्क्लेव का है। विज्येंद्र ने पुलिस को बताया कि एक अगस्त को उनके मोबाइल पर सुबह 9:37 बजे फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को एसबीआई कस्टमर सर्विस विभाग से बताया। उसने क्रेडिट कार्ड पर 1.96 लाख रुपये बकाए की बात कही। इसके बाद उसने बताया कि मुंबई क्राइम ब्रांच को रिकवरी के लिए भेजा गया है। आपको क्राइम ब्रांच अ​धिकारी सोनल राठौर का नंबर भेजा हूं। उसपर बात करके सेंटलमेंट कर लें। इस पर विज्येंद्र ने बोला कि वह न तो मुंबई में रहते हैं, न ही उनके पास कोई क्रेडिट कार्ड है। इस पर बोला गया कि फिर भी बात कर लें वरना आपके घर क्राइम ब्रांच की टीम जाएगी।

विज्येंद्र ने उस नंबर पर फोन किया तो उन्हें बताया गया कि उनके क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल मनी लांड्रिंग में किया गया है। केनरा बैंक अ​धिकारी सुरेश अनुराग के मनी लांड्रिंग मामले में आपका भी नाम आया है। इसमे 2.5 करोड़ रुपये का गोलमाल हुआ है। इस पर विज्येंद्र ने बताया कि यह सब गलत है। इसके बाद उन्हें उसी नंबर से वीडियो कॉल आई। उसमे एक महिला पुलिस की वर्दी पहनकर बैठी थी। उसके पीछे दीवार पर बड़ा सा क्राइम ब्रांच मुंबई का लोगो लगा था।

मदद का भरोसा देकर मंगाया आधार कार्ड

पीड़ित ने बताया कि महिला अ​धिकारी के मांगने पर विज्येंद्र ने वाट्सएप पर आधार कार्ड भेजा। उसे देखने के बाद अ​धिकारी ने कहा कि आप इस केस में शामिल हैं। आप जांच में मदद करें वरना आपको घर से क्राइम ब्रांच की टीम उठाकर मुंबई लाएगी। इस पर विज्येंद्र जांच में मदद करने के लिए तैयार हो गए। महिला अ​धिकारी के कहने पर हर घंटे वीडियो कॉल करके अपना अपडेट देते रहे। इसी बीच महिला अ​धिकारी ने उनसे बैंक में जमा रुपये और डिटेल भेजने के लिए कहा। साथ में एक सुप्रीम कोर्ट का लेटर भेजा जिसमे एक बैंक का खाता नंबर रुपये जमा करने के लिए दिया गया। उन्हें बताया गया कि आरबीआई जांच के बाद रुपये वापस भेज देगी।

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अलग-अलग बैंक के सब रुपये भेज दिए

विज्येंद्र ने तीन से चार बार में बैंक में जमा रुपये और एफडी तुड़वाकर जितनी भी रकम थी सब मिलाकर कुल 30 लाख रुपये दिए गए अकाउंट नंबर में भेज दिए। इसके बाद उन्हें हर घंटे अपडेट देने के लिए कहा गया। एक जुलाई से चार जुलाई तक वह हर घंटे वाट्सएप पर अपडेट देते रहे लेकिन बाद में जब कोई जवाब उधर से नहीं आया तब उन्होंने थाने पहुंचकर ​शिकायत दर्ज कराई। एसपी सीटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि रिटायर स्वास्थ्य कर्मी को डिजिटल अरेस्ट कर 30 लाख रुपये जालसाजी का मामला सामने आया है। इसमें केस दर्ज कर लिया गया है। पीड़ित से डिटेल लेकर पुलिस जालसाजों का पता लगाएगी। इस तरह के मामले बढ़ रहे हैं। लोगों को खुद जागरूक होना होगा।

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