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स्कूली बसों पर नजर रखने के लिए बनाई जाएगी थाने बार सूची

Rampur News - संभागीय परिवहन विभाग ने बिना फिटनेस की बसों के संचालकों और चालकों पर शिकंजा कसने के लिए नोटिस जारी किए हैं। स्कूल बसों की फिटनेस, बीमा और अन्य प्रमाणपत्रों की जांच की गई। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का...

Newswrap हिन्दुस्तान, रामपुरTue, 31 Dec 2024 12:40 AM
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स्कूली बसों पर नजर रखने के लिए बनाई जाएगी थाने बार सूची

बिना फिटनेस की बस चलाने वाले संचालकों और चालकों पर शिकंजा कसने के लिए संभागीय परिवहन विभाग ने एक नया कदम उठाया है। विभाग की ओर से बिना फिटनेस के बस चालकों और संचालकों को नोटिस जारी कर फिटनेस कराने के निर्देश दिए है। इसके साथ ही स्कूली बसों पर नजर रखने के लिए थाना बार सूची बनाई जा रही है। जिसके मदद से बिना फिटनेस के दौड़ रही बसों पर नजर रखी जा सकेंगी। संभागीय परिवहन विभाग के अनुसार जनपद में तीन स्कूली बसों का पंजीयन है। हालांकि यह संख्या अधिक हो सकती है, क्योंकि कुछ वाहन परिवहन विभाग में तो पंजीकृत हैं, मगर उनका उल्लेख स्कूलों में ट्रांसपोर्ट का नहीं है। इसके बावजूद वे बच्चों को लाने व ले जाने में लगी हैं। इसको लेकर ही संभागीय परिवहन विभाग ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूलों में लगी बसों के कागजात सहित फिटनेस प्रमाणपत्र, बीमा प्रमाणपत्र, परमिट, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र को जांच के लिए देखा था। इस दौरान जनपद में पंजीकृत करीब तीस स्कूली बसों की फिटनेस या समय सीमा पूरी पाई गई। अब संभागीय परिवहन विभाग ने ऐसी बसों के संचालकों और चालकों को नोटिस जारी करके फिटनेस कराने के निर्देश दिए है।

स्कूल बसों में इन नियमों का पालन जरूरी

- सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार स्कूल बस पीले रंग से पेंट होनी चाहिए

- बस के आगे पीछे स्कूल ड्यूटी लिखा हो।

- सभी खिड़कियों के बाहर लोहे की ग्रिल होनी चाहिए।

- अग्निशमन यंत्र लगा होना चाइए।

- स्कूल का नाम और फोन नंबर होना चाहिए।

- दरवाजे में ताला लगा हो और सीटों के बीच पर्याप्त जगह होनी चाहिए।

- चालक को कम से कम पांच साल का वाहन चलाने का अनुभव होना चाइए।

- ट्रांसपोर्ट परमिट होना चाहिए।

- बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूली बसों को डाटा चेक किया गया था। जिसमें जिन भी बसों की अनफिट या समय सीमा निकली पाई गई। जिन बसों की फिटनेस नहीं है,उनको फिटनेस कराने के साथ ही समय सीमा पूरी कर चुकी बसों को सरेंडर कराने के निर्देश दिए गए है। इसके साथ ही पुलिस को भी ऐसी बसों की लिस्ट बनाकर दी गई है। जिससे उन पर कार्रवाई हो सकें।

- राजेश कुमार श्रीवास्तव, संभागीय परिवहन अधिकारी

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