इंतजार खत्म..अब एक यूनिट ब्लड से बचेंगी चार लोगों की जान
जिला अस्पताल में अब चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ी सौगात शुरू होने जारी रही है। एक साल से लाइसेंस नंबर का इंतजार कर रही ब्लड सेपरेशन यूनिट को लखनऊ से...
जिला अस्पताल में अब चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ी सौगात शुरू होने जारी रही है। एक साल से लाइसेंस नंबर का इंतजार कर रही ब्लड सेपरेशन यूनिट को लखनऊ से लाइसेंस नंबर जारी हो गया है। जिसके बाद जिला अस्पताल में मौजूद एक यूनिट ब्लड से चार लोगों की जान बचाई जा सकेगी। लाइसेंस नंबर जारी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि एक सप्ताह के अंदर ब्लड सेपरेशन यूनिट को शुरू कर दिया जाएगा।
जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में अब तक एक यूनिट ब्लड लिए जाने पर उसका लाभ एक मरीज को ही मिल पाता है। अब एक यूनिट ब्लड को चार पार्ट में अलग-अलग बनाया जाएगा। इसके बाद एक यूनिट ब्लड का लाभ चार लोगों को दिया जा सकेगा। इसके बाद जरूरतमंदों को ब्लड के जरूरी तत्व ही दिए जाएंगे। ब्लडबैंक में ब्लड से तत्व अलग-अलग करने की सुविधा नहीं होने से दिक्कतें आती थीं। ब्लड बैंक में ब्लड कंपोनेंट सेप्रेशन यूनिट में ब्लड से चार अलग-अलग तत्व निकालने का काम किया जा सकेगा। इसके बाद जिस जरूरतमंद को ब्लड के चार तत्वों में से जिस तत्व की जरूरत होगी उसे वही तत्व दिया जाएगा।
2021 में मिली थी मंजूरी, अब होगी शुरू
रामपुर। जनपदवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए जिला अस्पताल को आधुनिक संसाधनों से लैस किया गया है। इस समय संयुक्त जिला अस्पताल में ब्लड बैंक, सिटी स्कैन, डिजिटल एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, की सुविधा उपलब्ध है। जिला चिकित्सालय को और भी आधुनिक संसाधनों से लैस करने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर यूनिट लगाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया। जिसको 2021 में मंजूरी मिल गई थी। मंजूरी मिलने के बाद यूनिट का निर्माण कराकर उपकरणों को खरीदा गया। लेकिन,जुलाई 2024 तक इसको शुरू नहीं किया जा सका। अब लाइसेंस नंबर जारी होने के बाद जल्द शुरू होने की उम्मीद जग गई है।
इस तरह काम करती है कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट
रामपुर। ब्लड में चार कंपोनेंट होते हैं। इनमें रेड ब्लड सेल (आरबीसी), प्लाज्मा, प्लेटलेट्स और क्रायोप्रेसीपिटेट शामिल हैं। सेप्रेशन यूनिट में ब्लड की परत दर परत को अलग किया जाता है। इसके बाद आरबीसी, प्लाज्मा, प्लेटलेट्स और क्रायोप्रेसीपिटेट अलग-अलग हो जाते हैं। जरूरत के मुताबिक इनको निकाल लिया जाता है। निकले गए रक्त के प्रत्येक तत्व की अलग-अलग जीवन अवधि होती है। एक यूनिट तीन से चार लोगों की जरूरत पूरी कर सकती है।
- जिला अस्पताल स्थित ब्लड सेपरेशन यूनिट को लखनऊ से लाइसेंस नंबर जारी हो गया है। जल्द ही इसको शुरू कर दिया जाएगा। जिससे मरीजों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।
-डॉ. एच के मित्रा, सीएमएस
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