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खुद छुआ आसमान, अब दूसरों को बना रहे ‘जैकी चैन

कुछ अलग------मुजाहिद हबीब...। पारकोर फ्री रनिंग में ऐसा नाम जो देशभर में अपनी पहचान बना चुका है। रामपुर के इस नौजवान ने खुद तो आसमान छुआ ही, अब न...

कुछ अलग------मुजाहिद हबीब...। पारकोर फ्री रनिंग में ऐसा नाम जो देशभर में अपनी पहचान बना चुका है। रामपुर के इस नौजवान ने खुद तो आसमान छुआ ही, अब न...
1/ 2कुछ अलग------मुजाहिद हबीब...। पारकोर फ्री रनिंग में ऐसा नाम जो देशभर में अपनी पहचान बना चुका है। रामपुर के इस नौजवान ने खुद तो आसमान छुआ ही, अब न...
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Newswrapहिन्दुस्तान टीम,रामपुरSun, 01 Nov 2020 03:12 AM
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मुजाहिद हबीब...पारकोर एंड फ्री रनिंग में ऐसा नाम जो देशभर में अपनी पहचान बना चुका है। रामपुर के इस नौजवान ने खुद तो आसमान छुआ ही, अब न सिर्फ रामपुर बल्कि देश के दूसरे शहरों में भी युवाओं को पारकोर में पारंगत बना रहे हैं। मुजाहिद की ट्रेनिंग के बाद युवा बेखौफ होकर हैरतअंगेज स्टंट कर रहे हैं। ये युवा प्रशिक्षण के बाद ऊंची-ऊंची इमारतों से बेहद आसानी से छलांगे मारते हैं।

पारकोर ऐसा हुनर है जिसमें वे हवा में कलाबाजियां खाते हुए सारी बाधाएं पार करते हैं, भले ही वे कितनी भी ऊंची क्यों न हों। इस रोमांचक खेल की शुरुआत फ्रांस के रेमंड बैले ने की थी। 90 के दशक में इसे फिल्मों में जबरदस्त लोकप्रियता मिली। रामपुर के रहने वाले मुजाहिद हबीब ने अपनी लगन और मेहनत से पारकोर में महारत हासिल की है। उन्होंने युवाओं को इस खेल के प्रति आकर्षित करने के लिए रामपुर में भी पारकोर ग्रुप तैयार किया है। उन्होंने अपनी टीम को लियोनाइन नाम दिया है, जो नित नए कीर्तिमान गढ़ रही है।

मुजाहिद हबीब पारकोर फ्री रनिंग एसोसिएशन आफ इंडिया के महासचिव भी हैं। उन्होंने बताया कि रामपुर के शादमान खान और बरेली की नेहा गंगवार तथा अहमदाबाद के शिव पटेल का एशियन कप के लिए चयन हुआ है। यह हमारे लिए फक्र की बात है।

बॉलीवुड में मिला काम, फिर सपनों को मिली नई पहचान

मुजाहिद हबीब ने बताया कि साल 2011 में आदित्य चोपड़ा की फिल्म लेडीज वर्सेज रिकी बहल में पहली बार उनके इस हुनर को बड़ा प्लेटफार्म मिला था। मुजाहिद हबीब देश के पहले पारकोर एंड फ्री रनिंग के नेशनल चैम्पियन बने। साल 2012 में मुम्बई में रेडबुल के जरिए आयोजित इंडस ट्रायल पारकोर एंड फ्री रनिंग कम्पीटीशन में मुजाहिद हबीब ने पहला स्थान हासिल किया। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मुजाहिद ने नेटफिलिक्स के शो अल्टीमेट बीस्ट मास्टर सीजन-2 में भी परफॉर्म किया जो लॉस एंजिलेस, कैलीफोर्निया में शूट हुआ था। उन्होंने आर्किटेक्ट में अपनी मास्टर डिग्री पूरी की है और पारकोर के प्रति प्रेम के कारण इसी में अपनी थीसिस भी लिखी है।

जैकी चेन के वीडियो ने बदल दी जिंदगी

मुजाहिद पेशे से आर्किटेक्ट हैं। वह बताते हैं कि 13 साल पहले साल 2007 में हॉलीवुड स्टार जैकी चेन का वीडियो देखकर उन्होंने पारकोर शुरू किया था। शुरुआत में पिता हबीब अहमद खां और मां तहमीना खान इस बात से डरते थे कि, कहीं उन्हें चोट न लग जाए। कलाबाजियां करने से उन्हें रोकते थे लेकिन मुजाहिद की लगन इससे कम नहीं हुई। शुरुआत में मुजाहिद को खुद ही नहीं मालूम था कि वह एक खास किस्म की फनकारी को अंजाम दे रहे हैं। धीरे-धीरे उन्होंने अपने हुनर को धार दी और फिर वह इस फन के माहिर हो गए। मुजाहिद इन दिनों रामपुर, लखनऊ, रायबरेली और दूसरे शहरों में युवा पारकोरर तैयार कर रहे हैं। दिल्ली में अपनी खुद की कम्पनी वैलोसिटा फिटनेस के नाम से चलाते हैं। जिसमें वह पारकोर और फ्री रनिंग के फंडे सिखाते हैं। हैरत की बात है कि उनके प्रशिक्षुओं में पांच साल से अस्सी साल तक के लोग शामिल हैं।

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