हुनरहाट, रामपुर के हुनर को निखार दे गया। रामपुर के हुनर को खूब पंसद किया गया। लोकल ही नहीं, बल्कि बाहर के लोगों ने भी खूब खरीदारी की। चाकू, जरी, जरदौजी, पेचवर्क और वायलिन का कारोबार चमक गया। हुनरहाट के दौरान 10 दिन में 50 लाख का माल बिका, जिससे न सिर्फ दुकानदार बल्कि कारीगर भी खुश हैं।
रामपुर में राष्ट्रीय स्तर के हुनरहाट का आयोजन किया गया, जिसमें सभी प्रदेशों की संस्कृति और खानपान से से लोगों को रूबरू कराया गया। हुनरहाट में सभी प्रदेशों के व्यंजन भी परोसे गए। इसके साथ ही सभी प्रदेशों की प्रमुख वस्तुओं का भी प्रदर्शन किया। हुनरहाट में इनकी खरीदारी भी की गई। जिला उद्योग केन्द्र के माध्यम से स्थानीय हुनर को प्रदर्शित करने के लिए भी स्टाल लगाए गए। मशहूर रामपुर का चाकू सबसे अधिक पसंद किया गया। शुरू से आखिर तक हुनरहाट में चाकू की चमक कायम रही। किसी ने छोटा तो किसी ने बड़ा चाकू खरीदा। बाहर से आने वालों की भी चाकू पसंद बना।
इसके अलावा पेचवर्क वायलिन, पतंग और कैप की भी खासी डिमांड रही। कपड़े पर पेचवर्क के काम को खूब सरहाना मिली। लोगों ने खरीदारी भी की। रामपुर के वायलिन ने भी धूम मचाई। पतंग और रामपुरी टोपी का भी जलवा कायम रहा। हुनरहाट में 40 लाख की खरीदारी हुई। इससे जहां, दुकानदार खुश रहे, वहीं हुनरमंद भी खुश हो गए। उन्हें आर्डर मिले और रोजगार से लगे रहे। लोगों ने पतंगों की खरीदारी की और पतंग के मौसम के लिए संभालकर रखा।
ऑनलाइन बुक हुए 10 लाख के ऑर्डर
रामपुर। हुनरहाट में खरीदारी के अलावा ऑनलाइन बुकिंग भी की गई। चाकू, पेचवर्क, वायलिन, पतंग और कैप की ऑनलाइन भी खरीदारी की गई। हुनरहाट में करीब 10 लाख के ऑर्डर बुक हुए हैं। इससे भी रोजगार का अवसर मिला है। इन कारोबार से जुड़े कारीगरों को काम मिला है।
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चटाई को भी मिले ऑर्डर
रामपुर। रामपुर में बनने वाली चटाई को भी पंसद किया गया है। हुनरहाट में भी इसकी बिक्री की गई। साथ ही ऑनलाइन ऑर्डर भी मिले हैं। इसलिए चटाई बनाने का काम भी तेजी से चल रहा है। हुनरहाट रामपुर के करीगरों को काफी राहत देकर गया है।
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हुनरहाट कारोबार के लिहाज से बेहतर रहा। रामपुर के हुनर को खूब पंसद किया गया। चाकू, जरी, जरदौजी, पैचवर्क, वायलिन की बिक्री हुई। करीब 40 लाख का माल बिका है, जबकि 10 लाख के आसपास ऑनलाइन ऑर्डर बुक हुए हैं।
-सुशील कुमार शर्मा, उपायुक्त
जिला उद्योग एवं प्रोत्साहन केन्द्र