निलंबित सहायक लेखाकार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पद पर रिवर्ट
Rampur News - बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के निलंबित सहायक लेखाकार नेगपाल सिंह की दो पदोन्नतियां निरस्त कर दी गई हैं। उसे फिर से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर वापस लाया गया है। उच्च पद पर रहते हुए उसने...

बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के लेखा अनुभाग में तैनात रहे निलंबित सहायक लेखाकार की दो पदोन्नति निरस्त करते हुए उसे फिर से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पद पर रिवर्ट कर दिया गया है। साथ ही अन्य पद पर लिए गए वेतन भुगतान की भी रिकवरी की जाएगी। बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में स्थित वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय में तैनात कार्मिक नेगपाल सिंह नियमविरुद्ध तरीके से पदान्नति पाकर सहायक लेखाकार बना था। साथ ही उसने उच्च पद पद पर रहकर लाखों रुपये वेतन भी लिया। विभाग द्वारा जब नियमविरुद्ध तरीके से पदान्नति पाने की जांच की गई तो जांच में आरोप सही पाए गए।
साथ ही जांच में पता चला कि उसका नाम सहायक लेखाकारों की सूची में ही नहीं है। जिस कारण नेगपाल सिंह को निलंबित कर दिया गया था। शासन द्वारा 29 जुलाई, 2025 को इस संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक लखनऊ में अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बुलाई गई थी। जिसका कार्यवृत्त 4 अगस्त 2025 को जारी हुआ। जिसमें नेगपाल सिंह की दोनों पदोन्नति करने वाले लेखा अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने, उससे रिकवरी करने तथा उसे मूल पद पर वापस करने का आदेश दिया गया। नेगपाल सिंह की पहली पदोन्नति 18 अप्रैल 2018 को 23 जुलाई 2007 की बैकडेट से अनिल कुमार सिंह ने और दूसरी 10 अक्टूबर 2018 को 23 जुलाई 2014 की बैकडेट से कन्हैयालाल सारस्वत ने की थी। अनिल कुमार सिंह इस समय कासगंज में वरिष्ठ कोषाधिकारी तथा कन्हैयालाल सारस्वत संभल में वित्त एवं लेखाधिकारी माध्यमिक शिक्षा के पद पर कार्यरत हैं। नेगपाल सिंह की दोनों पदोन्नतियां निरस्त कर उसे मूल पद चतुर्थ वर्ग कर्मचारी के पद पर रिवर्ट कर दिया है। अब उसे इसी पद का वेतन दिया जाएगा। इसके अलावा उच्च पद पर रहकर लिए गए अधिक भुगतान की रिकवरी का आदेश अलग से जारी किया जाएगा। - विकास खंडेलवाल, वित्त एवं लेखाधिकारी रामपुर पत्नी की फर्जी नियुक्ति में जेल जा चुका है नेगपाल बीएसए कार्यालय स्थित वित्त एवं लेखा अधिकारी कार्यालय से निलंबित नेगपाल सिंह ने सहायक लेखाकार के पद पर कार्यरत रहते हुए अपनी पत्नी ज्ञानेश्वरी सिंह की सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति करा ली थी तथा उसे लाखों रुपए का वेतन का भुगतान कराया था। इस संबंध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री आनंद प्रकाश गुप्ता द्वारा जिलाधिकारी से फर्जी नियुक्ति की शिकायत की गई थी। जांच रिपोर्ट में पता चला कि नेगपाल सिंह का नाम सहायक लेखाकारों की सूची में ही नहीं है। जांच रिपोर्ट के आधार पर नेगपाल सिंह को निलंबित करने की संस्तुति की गई थी। । इसके बाद 16 जनवरी 2025 को उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
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