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जौहर यूनिवर्सिटी पर राजस्व परिषद का नोटिस चस्पा

पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी पर संकट के बादल छाने लगे हैं। राजस्व परिषद ने जौहर यूनिवर्सिटी पर नोटिस चस्पा करा दिया है, जिसमें अपना पक्ष रखने को कहा गया है। जांच के बाद जिलाधिकारी...

जौहर यूनिवर्सिटी पर राजस्व परिषद का नोटिस चस्पा
हिन्दुस्तान टीम,रामपुरFri, 08 Dec 2017 10:44 PM
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पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी पर संकट के बादल छाने लगे हैं। राजस्व परिषद ने जौहर यूनिवर्सिटी पर नोटिस चस्पा करा दिया है, जिसमें अपना पक्ष रखने को कहा गया है। जांच के बाद जिलाधिकारी ने राजस्व परिषद में वाद दायर कराया था।

यूनिवर्सिटी में करीब 14 एकड़ चकरोड की जमीन है, जो ग्राम पंचायत सींगनखेड़ा के रकवे की है। इसको लेकर इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के चेयरमैन आकाश सक्सेना हनी ने मुख्यमंत्री से शिकायत की थी। सीएम कार्यालय के आदेश पर शासन ने जिलाधिकारी को जांच कराने के लिए लिखा था। डीएम ने एसडीएम सदर से जांच कराई थी। इसमें पाया गया था कि यूनिवर्सिटी में चकरोडों की जमीन पर कब्जा है। इस जमीन का रकवा करीब 14 एकड़ है। इस पर डीएम ने राजस्व परिषद में 26 अक्तूबर को यूनिवर्सिटी और आजम खां के खिलाफ वाद दायर कराया था।

राजस्व परिषद ने यूनिवर्सिटी के संस्थापक आजम खां को नोटिस जारी किया था, लेकिन नोटिस तामील नहीं किया गया था। शुक्रवार को कमिश्नर के आदेश पर तहसील प्रशासन ने नोटिस यूनिवर्सिटी गेट पर चस्पा करा दिया। साथ ही वीडियोग्राफी भी कराई गई है। ताकि इसका साक्ष्य रखा जा सके। नोटिस में परिषद ने आजम खां से अपना पक्ष रखने को कहा गया है। इस मामले की सुनवाई अब 20 दिसंबर को होना है।

ग्राम पंचायत ने किया था जमीन देने को प्रस्ताव

चकरोड की जमीन जौहर यूनिवर्सिटी को देने के लिए सींगनखेड़ा ग्राम पंचायत ने प्रस्ताव किया था। यूनिवर्सिटी की ओर से एसडीएम को प्रार्थना पत्र दिया गया था, जिसमें जमीन को कहा गया था। एसडीएम ने ग्राम पंचायत को भेजा था। ग्राम पंचायत ने जमीन देने के लिए प्रस्ताव कर दिया था, जिसका अनुमोदन तहसीलदार और एसडीएम ने किया था। कमिश्नर ने लगाई थी अंतिम मुहररामपुर। ग्राम पंचायत और तहसील छार चकरोड की जमीन यूनिवर्सिटी को देने पर आपत्ति लगी थी। इस आपत्ति का निस्तारण कमिश्नर द्वारा किया गया था। कमिश्नर ने कहा था कि जमीन नियमानुसार दी गई है। चकरोड की जमीन के बदले दी है जमीनरामपुर। चकरोड़ की 14 बीघा जमीन के बदले यूनिवर्सिटी ने इतनी जमीन भी दी है, लेकिन जो जमीन दी गई है उसकी कीमत बहुत कम है। वह जमीन भी कोसी किनारे की और रेतीली है। इस पर भी आपत्ति की जा रही है।

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