महार्षि वाल्मीकि जयंती शनिवार को धूमधाम से मनेगी। इस दौरान मंदिरों में रामायण की चौपाइयों की गूंज सुनाई देगी। प्रशासन ने इस समारोह के आयोजन के लिए मंदिरों का भी चयन कर लिया है। नोडल अधिकारियों कीदेखरेख में सभी कार्यक्रम होंगे।
वाल्मीकि जयंती का नजारा इस दफा बदला-बदला होगा। कोरोनाकाल में स्कूल पहले से ही बंद हैं। ऐसे में स्कूलों में आयोजन न कर सरकार ने अब मंदिरों में वाल्मीकि जयंती धूमधाम से मनाने का फैसला लिया है। शासन की ओर से इस संबंध में प्रशासन को निर्देश जारी कर दिया गया है।
शासन के आदेश पर डीएम ने 31 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि जयन्ती को भव्य रूप से मनाने के आदेश दिए हैं। डीएम ने इसके लिए बीएसए को जिले का नोडल अधिकारी भी बनाया है। इसके अलावा खंड शिक्षाधिकारियों को उनके ब्लाकों का नोडल अधिकारी बनाया गया है। शासन की ओर से कार्यक्रम भी तय कर दिए गए हैं। तय कार्यक्रम के मुताबिक 31 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि से सम्बन्धित स्थलों व मन्दिरों में दीप प्रज्जवलन व दीपदान का कार्यक्रम होगा। इसके साथ ही आठ से 24 घण्टे का वाल्मीकि रामायण पाठ का कार्यक्त्रम भी निर्धारित किया गया है। डीएम ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। नोडल अधिकारी खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से सम्पूर्ण जनपद में चयनित मन्दिरों व कार्यक्त्रम स्थलों पर आयोजन सुनिश्चित कराते हुए कार्यक्त्रम को भव्यता के साथ सम्पन्न करायेंगे। सभी खंड शिक्षाधिकारियों ने तहसीलदारों के माध्यम से वाल्मीकि मंदिरों का तहसीलवार चयन कर लिया है। सभी मंदिरों में एक साथ कार्यक्रम होंगे। इस दौरान क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
यह भी स्पष्ट किया गया है कि कार्यक्त्रम के आयोजन के दौरान कोविड-19 के दृष्टिगत जारी दिशा निर्देशों व गाइडलाइन का कड़ाई से पालन कराया जाय तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भागदारी भी सुनिश्चित करायी जाए।