मोबाइल की लत खतरे में डाल रही बच्चों का भविष्य
Rampur News - प्रिंसीपल ने अभिभावकों को सलाह दी है कि वे अपने बच्चों को मोबाइल फोन और बाइक से दूर रखें। उन्होंने कहा कि बच्चों की पढ़ाई में मदद करें और स्कूल में किसी भी परेशानी पर संपर्क करें। बच्चों की दिनचर्या...

प्रिंसीपल ने बच्चों को घर में पढ़ाई का माहौल और अभिभावकों पर उनकी हर गतिविधियों पर पैनी नजर रखने की सलाह देते हुए कहा कि अभिभावक अपने बच्चों को बाइक और मोबाइल फोन से दूर रखें। क्योंकि, आजकल के बच्चों को बिगड़ने में बाइक और मोबाइल फोन की भूमिका बढ़ती जा रही है। अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय द्वारा दिया गया होमवर्क बनवाने में जरूर उनकी मदद करें। साथ ही पढ़ाई लिखाई से संबंधित किसी भी तरह की परेशानी होने पर सीधा स्कूल में सम्पर्क करें। दयावती मोदी एकेडमी में मंगलवार को सीबीएसई और आईसीएसई स्कूलों के प्रिंसीपल के साथ हिन्दुस्तान ओलंपियाड संवाद किया गया।
जिसमें प्रधानाचार्यों ने बच्चों के बढ़ते मोबाइल, बाइक और ज्यादा पॉकेट मनी के चलन पर रोक लगाने को लेकर अपनी बात रखी। प्रधानाचार्यों ने कहा कि अभिभावक बच्चों को मोबाइल से दूर रखें ओर आवश्यक हो तो अपनी देखरेख में मोबाइल का प्रयोग करने दें। कहा कि आज स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है, साथ ही, सब कुछ ऑनलाइन हो गया है। अभिभावकों के लिए अपने बच्चों को फोन की स्क्रीन से दूर रखना किसी चैलेंज से कम नहीं है। वैसे तो स्मार्टफोन व टैबलेट्स आजकल के समय मे बच्चों के लिए काफी जरूरी टूल्स भी बन गए हैं। जीवन को सशक्त बनाने के उद्देश्य से इसका उपयोग जरूरी भी है लेकिन स्मार्टफोन बच्चों पर इतना हावी हो गया है कि यह हमारी आत्मनिर्भरता को धीरे-धीरे खत्म होने लगी है। जिंदगी में उसकी अनावश्यक दखल को कम करें व उसे हावी न होने दें। शिक्षक व अभिभावक को बच्चों को साथ लेकर चलना होगा। साथ ही कहा कि आज के समय में बच्चे स्कूल के कहकर बाइकों से निकल जाते हैं और इधर उधर घूमते रहते हैं। जिसका खामियाना उन्हें परीक्षा में भुगतना पड़ता है। इस सबकी देखरेख के लिए अभिभावकों को अपने बच्चों पर नजर रखनी होगी। साथ जब तक बच्चों का ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन जाता उन्हे बाइक चलाने न दें। प्रिंसीपलों ने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों को अच्छे मार्कस लाने के लिए महंगी महंगी ट्यूशन पढ़ाते हैं लेकिन वह बच्चों को प्रत्येक दिन स्कूल नहीं भेजते। बच्चे मोबाइल ओर बाइक के चक्कर में पढ़ाई से दूर भाग रहे हैं। साथ ही बच्चे कुछ स्थानों पर बाइकों से जाकर नशीले पदार्थों का भी सेवन कर रहे हैं। साथ ही कहा की देर रात तक मोबाइल और टीवी देखने के कारण बच्चों की दिनचर्या खराब हो रही है और बच्चे स्कूल में पढ़ाई के समय सो जाते हैं। बच्चों को डांटने पर अभिभावक करते हैं शिकायत हिन्दुस्तान ओलंपियाड संवाद में प्रिंसिपल ने बताया कि जब भी बच्चे अपना होमवर्क पूरा करके नहीं लाते हैं या फिर किसी भी गलती पर बच्चों को डांट दिया जाता है तो फिर अभिभावक शिकायत लेकर स्कूल आ जाते हैं और फिर गलत शब्दों को इस्तेमाल करते हैं। प्रिंसिपल ने बताया कि जब तक बच्चों को होमवर्क पूरा न होने पर या गलती होने पर डांटा नहीं जाएगा तो वह कैसे हमारी बात को मानेंगे। दसवीं और बारवीं की परीक्षा में अपार आईडी जरूरी सीबीएसई रामपुर के नोडल एनके तिवारी ने बताया कि सीबीएसई से मिले निर्देशों के अनुसार दसवीं और बारवीं की परीक्षा में बैठने के लिए अपार आईडी जरूरी है। लेकिन आधार कार्ड के नाम में स्पेलिंग मिस्टेक है। किसी का सरनेम छूट गया है। किसी के माता-पिता के नाम की स्पेलिंग में अंतर है। इसके लिए काफी संख्या में लोग आधार सेंटरों का चक्कर लगा रहे है तो कुछ बच्चों के टीसी में सरनेम है तो आधार पर सरनेम नहीं होने के चलते डाटा मिसमैच हो रहा है। आधार कार्ड सुधार के लिए आवश्यक अभिलेख के साथ दो-दो बार संशोधन का आवेदन किया गया, लेकिन बिना कोई कारण बताए उसे रिजेक्ट कर दिया गया। अब उसकी अपार आईडी नहीं बन पा रही है। जिस कारण बच्चों के साथ साथ स्कूलों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों का जब तक लाइसेंस नहीं बन जाता अभिभावक अपने बच्चों को बाइल चलाने न दें। साथ ही अभिभावक बच्चों की दिनचर्या पर पैनी नजर रखें। - डा. एनके तिवारी, सीबीएसई नोडल एवं प्रधानाचार्य ग्रीनबुड स्कूल बच्चे हाथ में मोबाइल और बाइक लेकर समय बर्बाद कर रहे हैं और पढ़ाई से भाग रहे हैं। इसीलिए अभिभावकों अपने बच्चों को मोबाइल और बाइक से दूर रखें। - डा.सुमन तोमर ,प्रधानाचार्या दयावती मोदी एकेडमी अभिभावक अपने बच्चों को अच्छे नंबरों से पास कराने के लिए महंगी ट्यूशन पढ़ाते हैं, लेकिन बच्चों को नियमित स्कूल नहीं भेजते। जिस कारण उन्हें दो जगह फीस देनी पड़ती है। - ललित शर्मा, प्रधानाचार्य सेंट एंटोनी स्कूल मोबाइल एवं टीवी पर लगे रहने से बच्चों की दिनचर्या खराब हो रही है। अभिभावक रात के समय में बच्चों को मोबाइल और टीवी से दूर रखें। जिससे बच्चों की दिनचर्या पर असर न पढ़े। - शिवांश सक्सेना, प्रिंसीपल साईं सेकेंडरी स्कूल अभिभावक अपने बच्चों से प्रत्येक दिन बात करें। साथ ही समय समय पर स्कूल में आकर उनकी पढ़ाई के बारे बातचीत करें। साथ ही बच्चों को मोबाइल से दूर रखें। - उवैद अनस, प्रधानाचार्य सनवे स्कूल कोविड के बाद से बच्चों में मोबाइल की लत बड़ गई है। बच्चों की इस लत को धीरे-धीरे छुड़ाना होगा नहीं तो भविष्य में अभिभावकों को इसके दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे। - फहीम हैदर, प्रधानाचार्य ईस्ट वेस्ट स्कूल आज के समय में अभिभावकों ने बच्चों को इस कदर छूट दे रखी है कि स्कूल में बच्चों को डांट भी नहीं सकते। स्कूल में बच्चों को डांट दिया जाता है तो अभिभावक शिकायत लेकर स्कूल आ जाते हैं। - डा. अविता कमर, प्रधानाचार्या ग्लोबल इंटरनेशन स्कूल शिक्षक व अभिभावकों को बच्चों को साथ लेकर चलना होगा। साथ ही बच्चों के मोबाइल के उपयोग पर रोक लगानी होगी। साथ ही बच्चों को स्कूल में बाइक से जाने पर रोक लगानी होगी। - क्वीनी फर्नांकिडस, प्रधानाचार्या व्हाइट हॉल पब्लिक स्कूल स्मार्टफोन बच्चों पर इतना हावी हो गया है कि यह हमारी आत्मनिर्भरता को धीरे-धीरे खत्म होने लगा है। जिंदगी में उसकी अनावश्यक दखल को कम करें व उसे हावी न होने दें। - नोएल अंबाती, गाइडेंस इंटरनेशनल स्कूल अभिभावक बच्चों को मोबाइल से दूर रखें और आवश्यक हो तो अपनी देखरेख में मोबाइल का प्रयोग करने दें। बच्चों को मोबाइल से दूर रखना बेहद जरूरी है। - मनोज पाठक, प्रधानाचार्य सेंट पॉल्स बच्चों को मोबाइल से दूर रखने के लिए अभिभावकों को प्रयास करने चाहिए। जिससे बच्चें मोबाइल छोड़कर सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दें ओर परीक्षा में अच्छे नंबर ला सकें। -निशा सुल्तान, शिक्षिका गाइडेंस स्कूल कुछ स्थानों पर बाइकों से जाकर बच्चे नशीले पदार्थों का भी सेवन कर रहे हैं। अभिभावकों को अपने बच्चों पर लगातार नजर बनाए रखनी होगी। जिससे बच्चे बच्चें गलत दिशा में न जाएं। - मृत्युंजय, शिक्षक हिन्दुस्तान ओलंपियाड से छात्रों को मिलेगी सही दिशा मोबाइल और बाइक का इस्तेमाल एक समय सीमा तक जरूरी है, लेकिन बच्चों को शुरुआत से ही राइटिंग ,रीडिंग और कला के क्षेत्र में डालना भी जरूरी है। - प्रेम सिंह मंडलीय मंत्री उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ आज छात्र-छात्राएं तकनीकी युग में तेजी से मोबाइल की तरफ बढ़ रहे हैं। बच्चों को विज्ञान के बारे जानकारी देते रहना चाहिए। हिन्दुस्तान ओलंपियाड जैसे कार्यक्रम बच्चों को शिक्षा की दिशा में ऊर्जा देते हैं। आधुनिक युग के साथ चलना जरूरी हो गया है। शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हिन्दुस्तान ओलंपियाड अपनी भूमिका निभा रहा है। इसमें बच्चों को बढ़ चड़कर हिस्सा लेना चाहिए। - अरविंद गौतम, प्रधानाचार्य, हामिद इंटर कॉलेज शहरों में किताब-कॉपी क्लासरूम से हट गए है। सीधे लैपटॉप से पढ़ाई होती है। हिन्दुस्तान ओलंपियाड जैसे आयोजन बच्चों को सही दिशा देने में सहायक है। - राकेश विश्वकर्मा, शिक्षक मोबाइल फोन और बाइक का इस्तेमाल कितना करना चाहिए, यह स्कूलों में तयद होना चाहिए। आज बच्चे सीधे ज्यादा से ज्यादा फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। हिन्दुस्तान ओलंपियाड बच्चों को अपना कौशल परखने में मददगार है। - पंकज कुमार, उप प्रधानाचार्य बच्चे अपने घरों में फोन का इस्तेमाल बहुत कर रहे हैं। बच्चों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में हिन्दुस्तान ओलंपियाड का कदम सराहनीय है। इससे बच्चों को अपना कौशल निखारने में मदद मिलेगी। - आकाश, शिक्षक
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