महिलाओं के लिए संकटमोचक बन रहा वन स्टॉप सेंटर,लौट रहा सम्मान
Rampur News - महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर सहारा बन रहा है। इस साल 385 शिकायतें आईं, जिनमें से 361 मामलों में समझौता हुआ। घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न और अन्य मामलों में सहायता दी जा रही है। पीड़ित महिलाओं को...
हिंसा और उत्पीड़न का दंश झेल रही महिलाओं के लिए वन स्टाप सेंटर सहारा बन रहा है। जिले में इस साल वन स्टाप सेंटर पर अब तक 385 शिकायतें आईं। जिसमें से 361 मामलों में समझौता कराया गया। जिसमें 93 महिलाओं ने घरेलू हिंसा तो 299 अन्य मामलों की शिकायतें की थीं। हालाकिं,अभी भी 24 मामले प्रक्रिया में चल रहे है। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से वन स्टाप सेंटर वर्ष 2021 में शुरू किया था। इसके तहत हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बालिकाओं को एक ही स्थान पर अस्थायी आश्रय, पुलिस-डेस्क, विधि सहायता, चिकित्सा और काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही हैं। सेंटर के माध्यम से बाल विवाह, साइबर अपराध, घरेलु हिंसा, एसिड विक्टिम, गुमशुदा, दहेज, दुष्कर्म जैसे मामलों में पीड़ित की मदद की जाती है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो घरेलू हिंसा के सबसे अधिक मामले एक-दूसरे पर शक करने और बात न मानने के चलते सामने आते हैं। वहीं ससुरालियों की ओर से दहेज उत्पीड़न के भी मामले आते हैं। घरेलू हिंसा के मामले में दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर काउंसिलिंग कराकर रिश्तों को टूटने से बचाने की भरपूर कोशिश की जाती है। जो मामलेनहीं निपटते। उन मामलों को न्यायालय में दायर कर समाधान निकाला जाता है।
पढ़े-लिखे और अच्छे परिवारों पर भी उत्पीड़न का आरोप
रामपुर। केंद्र में पहुंचने वाले मामलों में पढ़े-लिखे, नौकरी पेशा और अच्छे परिवार के लोगों की ओर से महिलाओं को प्रताड़ित किया जाना पाया जा रहा है। एक-दूसरे के प्रति विश्वास न होने, बात न मानने, छोटी-छोटी बातों को लेकर भी मामले संज्ञान में आ रहे है। जिन्हें काउंसलिंग कर आपसी समझौते से परिवारों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। यदि दोनों पक्षों के लोग कुछ नम्रता बरतें तो इस तरह के मामलों में कमी देखने को मिलेगी।
पांच दिन रहने-खाने की सुविधा
रामपुर। सखी सेंटर महिलाओं की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें न्याय दिला रहा है। हेल्पलाइन नंबर पर आई पीड़ित महिलाओं की शिकायतों को वन स्टाप सेंटर में भेज दिया जाता है। इन महिलाओं को अस्थायी शेल्टर में पांच दिन तक रहने, खाने, कपड़े, स्वास्थ्य सुविधाएं और कानूनी सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। पांच दिनों के बाद महिला का केस देखते हुए उन्हें नारी निकेतन, महिला छात्रवास या घर भेज दिया जाता है, जबकि कोर्ट में चल रहा केस बरकरार रहता है। जिसके लिए महिलाओं को सरकारी वकील मुहैया करवाया जाता है।
यह मिलती है सुविधा-
-इमरजेंसी रेस्क्यू सर्विस
-मेडिकल सहायता:-
-मानसिक काउंसलिंग
-कानूनी मदद-
-वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा
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