30 स्कूल की बसों के संचालकों को नोटिस
स्कूलों में बिना परमिट और फिटनेस के चल रहे वाहनों पर परिवहन विभाग ने नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है। जिले में करीब 30 बसों की फिटनेस या समय सीमा...

स्कूलों में बिना परमिट और फिटनेस के चल रहे वाहनों पर परिवहन विभाग ने नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है। जिले में करीब 30 बसों की फिटनेस या समय सीमा पूरी हो गई है। ऐसे में संभागीय परिवहन विभाग ने स्कूल संचालकों के साथ ही बस स्वामियों को नोटिस जारी किए हैं।
संभागीय परिवहन विभाग के अनुसार जनपद में 250 स्कूली बसों का पंजीयन है। हालांकि यह संख्या अधिक हो सकती है, क्योंकि कुछ वाहन परिवहन विभाग में तो पंजीकृत हैं, मगर उनका उल्लेख स्कूलों में ट्रांसपोर्ट का नहीं है। इसके बावजूद वे बच्चों को लाने व ले जाने में लगी हैं। इसको लेकर ही संभागीय परिवहन विभाग ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर स्कूलों में लगी बसों के कागजात सहित फिटनेस प्रमाणपत्र, बीमा प्रमाणपत्र, परमिट, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र को जांच के लिए देखा था। इस दौरान जनपद में पंजीकृत 30 स्कूली बसों की फिटनेस या समय सीमा पूरी पाई गई। अब संभागीय परिवहन विभाग एक टीम बनाई है,जो विद्यालयों में बसों के नियमों की जांच करेगी।
स्कूल बसों में इन नियमों का पालन जरूरी
- सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार स्कूल बस पीले रंग से पेंट होनी चाहिए
- बस के आगे पीछे स्कूल ड्यूटी लिखा हो
- सभी खिड़कियों के बाहर लोहे की ग्रिल होनी चाहिए
- अग्निशमन यंत्र लगा होना चाइए
- स्कूल का नाम और फोन नंबर होना चाहिए
- दरवाजे में ताला लगा हो और सीटों के बीच पर्याप्त जगह होनी चाहिए
- चालक को कम से कम पांच साल का वाहन चलाने का अनुभव होना चाइए
- ट्रांसपोर्ट परमिट होना चाहिए
