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मैं तो खुद निराधार, नाराजगी का कहां से आएगा आधार : आजम

रामपुर में समाजवादी पार्टी के शहर विधायक आजम खां ने सपा मुखिया अखिलेश यादव से अपनी नाराजगी को जाहिर करने से नहीं चूके। वह रविवार को दोपहर में जेल...

मैं तो खुद निराधार, नाराजगी का कहां से आएगा आधार : आजम
हिन्दुस्तान टीम,रामपुरMon, 23 May 2022 12:01 AM
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रामपुर में समाजवादी पार्टी के शहर विधायक आजम खां ने सपा मुखिया अखिलेश यादव से अपनी नाराजगी को जाहिर करने से नहीं चूके। वह रविवार को दोपहर में जेल में बंद सपा कार्यकर्ताओं से मिलने गए थे। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए तंज कसते हुए कहा कि नाराजगी की कोई वजह मुझे समझ में नहीं आती है, क्योंकि नाराज होने के लिए कुछ आधार चाहिए और मैं खुद ही निराधार हूं तो आधार कहां से आएगा। कहा कि मुझे जो मिला है, वह न्यायपालिका से मिला है, तभी तो मैं यहां पर खड़ा हूं।

रामपुर जिला कारागार में बंद अपने समर्थकों से मुलाकात करने बाद आजम खां मीडिया से रूबरू हुए। इस दौरान अखिलेश से नाराजगी के सवाल पर उनका गला भर आया। कहा कि मुझे नाराजगी की कोई वजह समझ नहीं आती है क्योंकि नाराज होने के लिए कुछ आधार चाहिए और मैं खुद ही निराधार हूं ऐसे में नाराजगी का आधार कहां से आएगा। उन्होंने जेल में रहने के दौरान सपा का साथ मिलने के सवाल पर कहा कि उन्हें न्यायपालिका से इंसाफ मिला है। जो लोग मुझसे मिलने आए उनका भी शुक्रिया और नहीं आए उनका भी शुक्रिया। कहा कि नाराज होने की हैसियत में वह नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि मुझसे एक खता बच्चों को कलम देने की हुई थी। उनका यह मिशन आज भी जिंदा है। अगर यूनिवर्सिटी गिरा भी दी जाए तो उसके टूटे हुए खंडहर इतिहास का हिस्सा बन जाएंगे। आजम खान ने कहा कि एक यूनिवर्सिटी और एक स्कूल का फाउंडर तंग गलियों में रहता है। उसके सिर्फ दो ही अकाउंट है जिसमें पार्लियामेंट और विधानसभा की सैलरी आती है। विधानसभा की सदस्यता के सवाल पर कहा कि वह शपथ जरूर लेंगे। कोशिश कर रहा हूं कि मेरी तबीयत सही रहे और मैं सफर कर सकूं।

वो एक एजेंडा था, एक यूनिवर्सिटी का फाउंडर माफिया हो गया

रामपुर। शहर विधायक आजम खां ने अपने ऊपर हुए मुकदमों को लेकर किए गए सवाल पर कहा कि वो एक एजेंडा था। किन परिस्थितियों में लोकसभा चुनाव हुए और वह किस तरह जीते, यह सभी को पता है। साढ़े तीन साल सांसद रहे, जिसमें दो साल जेल में बिताने पड़े। उनको सरकारी आवास नहीं दिया गया। दूसरे दलों खासतौर से भाजपा के सांसद और विधायकों ने हाल जाना। उनसे उनकी कोई नाराजगी नहीं है, क्योंकि सबको पता था कि यह क्या हो रहा है। कहा कि एक यूनिवर्सिटी का फाउंडर किस तरह माफिया हो गया यह बात सबको पता है।

शानू की बीमार मां से मिलने पहुंचे आजम

रामपुर। शहर विधायक आजम खां अपने मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू की बीमार मां से मिलने के लिए उनके घर पहुंचे। उन्होंने उनका हाल जाना। फसाहत शानू को प्रशासन की ओर से जिला बदर किया जा चुका है, इसलिए वह रामपुर में नहीं हैं। आजम खां ने वीडियो काल के जरिये शानू से बात की। इस दौरान आजम खां भी भावुक हो गए। आजम ने शानू को ढांढस बंधाया। साथ ही उनकी मां की लंबी आयु की कामना की।

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