रामपुर। निज संवाददाता
रविवार को रामपुर में गांव से लेकर शहर तक हर कहीं बेटियों ने इतिहास रच डाला। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राओं को इस दफा नामित अफसर बनने का मौका दिया गया। केजीवीए की छात्रा रोशनी को डीएम तो हमजा को एसपी की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके अलावा अन्य विभागों की भी जिम्मेदारी अन्य छात्राओं को सौंपी गई। इन छात्राओं ने इस दफा बालिका दिवस के मौके परनिकाली गई रैली का नेतृत्व ही नहीं किया बल्कि थानों तक की कमान को संभाला।
मिशन शक्ति अभियान के तहत ही रविवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस एवं यूपी का स्थापना दिवस मनाया गया। इस मौके पर कुछ अलग करने के लिए प्रशासन की ओर से एक बार फिर से छात्राओं को नामित अफसर के रूप में लगाया गया था। रामपुर में 45 विभागों की जिम्मेदारी छात्राओं को सौंपी गई थी। ज्यादातर छात्राएं इस दफा कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की ही थीं। केजीबीए नगर की रोशनी को डीएम के रूप में नामित किया गया था,जबकि यहीं की हमजा को एसपी के रूप में नामित किया गया था। इसके साथ ही रोशनी राठौर को एडीएम वित्त एवं राजस्व और महक को एडीएम प्रशासन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सीडीओ के रूप में सीमा को बनाया गया था। 45 छात्राओं को विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी सौंपी थी। इन छात्राओं को उनके विभागों की झांकियों का नेतृत्व करने की अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी थी।
किसी सपने से कम नहीं था अफसर बनना
रामपुर। डीएम-एसपी ही नहीं किसी विभाग की अध्यक्ष बनने की खबर जब मिली तो उत्सुकता और हड़बड़ाहट में रात भर नींद नहीं आई। अफसर भले ही कुछ घंटो के लिए बने हों, लेकिन छात्राओं के लिए यह यह मौका किसी भी सपने जैसा नहीं था। अफसर बनी छात्राएं प्रशासन के इस फैसले से काफी गदगद हो उठीं।
करीब तीन माह पहले रामपुर में इस तरह का इतिहास रचा गया था। उसवक्त 65 बालिकाओं को विभिन्न विभागों की कमान सौंपी गई थी। यह दूसरा मौका था जब अन्य छात्राओं को नामित अफसर बनाया गया था। अफसर बनने की खबर कल दोपहर में इन छात्राओं को विकास भवन में आयोजित मीटिंग के दौरान दी गई थी। तब से ही इन छात्राओं की नींद उड़ गई थी। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की छात्रा रोशनी को डीएम बनाया गया। वह बताती हैं कि जब उस वक्त इसकी जानकारी दी गई। हमजा भी कुछ सहमी थी। इसी तरह अन्य बालिकाएं झांकियों का नेतृत्व करते हुए दिख रही थीं। बताती है कि यह एक सपने जैसा था। इस पल को वह जिदंगी भर याद रखेगी। इसी तरह 45 अन्य छात्राओं के लिए भी यह मौका जिदंगी में कभी न भूलने जैसा था। बताती हैं कि उन्होंने इतना बड़ा सपना कभी नहीं देखा। अब वह प्रशासनिक सेवा में जाकर ही अपने सपने को पूरा करेंगी।