भोट। हिन्दुस्तान संवाद
कृषि कानून से आक्रोशित किसानों ने नारेबाजी व प्रदर्शन कर कृषि कानूनों को वापस किए जाने की मांग की। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि जब तक सरकार कृषि कानूनों को वापिस नहीं लेगी किसान गांधीवादी तरीके से आंदोलन करते रहेंगे व किसान विरोधी कानूनों को वापस कराकर ही दम लेगें।
रविवार को भारतीय किसान यूनियन अंबावता के जिला सचिव शाकिर अली के नेतृत्व में तमाम किसान क्षेत्र के मिलक बिचौला कस्बे में एकत्र हुए व केन्द्र सरकार द्वारा पारित कृषि बिल को किसान विरोधी बताते हुए नारेबाजी व प्रदर्शन किया।मौजूद कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए जिला सचिव ने कहा कि किसान संयम से काम ले यह लड़ाई अभी लंबी चलनी है।गांधीवादी तरीके से आंदोलन कर जंग जितनी है। 26 जनवरी आंदोलन की आखिरी तारीख नहीं है केंद्र सरकार को सबक सिखाने के लिए गांव-गांव घर-घर किसानों को जागरूक करना पड़ेगा।यह हर किसान की लड़ाई है चाहे 5 बीघा जमीन हो या 10 एकड़ वाला। अंग्रेजों को भी गांधीवादी तरीके से ही देश से बाहर निकाल कर देश को आजाद कराया गया था।यह जंग भी गांधीवादी तरीके से जीती जाएगी।गणतंत्र दिवस को एक त्यौहार के रूप में हर किसान मनाएगा।26 जनवरी को दुनिया भारत के किसान मजदूरों की एकता को देखेगी।भारत की एकता व अखंडता को बनाए रखने के लिए किसान मजदूर किस तरह झंडा फहराएंगे यह इतिहास में दर्ज होगा । केंद्र सरकार जितना जल्दी हो सके इस कानून को वापस करें अन्यथा दिल्ली के साथ साथ उत्तराखंड की सीमाएं भी सीज कर दी जाएगी।किसान अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है और किसी भी कीमत अपनी जमीन को ठेके पर नहीं देगा। केंद्र सरकार तानाशाही छोड़ें,महंगाई कम कर बिजली सस्ती करे,गरीब मजदूरों और देशवासियों के लिए अच्छे काम करें।सोमवार सुबह दिल्ली कूच की जाएगी तथा 25 जनवरी को गाजीपुर बॉर्डर पर 12:00 बजे तक सभी किसान व कार्यकर्ता पहुंचेगें।प्रदर्शन करने वालों में आरिफ अली,जयपाल सिंह,आसिफ अली, नजाकत अली,शोएब अली,सादिक,मोहम्मद अकबर अली,याकूब खान, डॉक्टर अर्जुन सिंह, नन्हे,फिरासत अली,हारून खान,जाहिद अली,मुकीम, आलिम,बाबू,गुलफाम,सफीक अहमद,गुड्डू,महबूब अली,राशिद अली,फिरासत अली,शमशाद अली,राशिद मलिक,शाहरुख खान,नासिर आदि रहे।