सूखने लगे तालाब, दम घुटने से मर रहीं मछलियां
चढ़ता पारा और भीषण गर्मी मछलियों की जान को भी खतरा बन गई है। तालाब सूख रहे हैं, जिनमें पानी दिनोदिन कम होता जा रहा है। ऐसे में ऑक्सीजन की समस्या खड़ी हो गई है, जिसके कारण दम घुटने से मछलियां मर सकती...
चढ़ता पारा और भीषण गर्मी मछलियों की जान को भी खतरा बन गई है। तालाब सूख रहे हैं, जिनमें पानी दिनोदिन कम होता जा रहा है। ऐसे में ऑक्सीजन की समस्या खड़ी हो गई है, जिसके कारण दम घुटने से मछलियां मर सकती हैं।
जनपद में तापमान 42 डिग्री तक पहुंच गया है। ऐसे में तालाब सूखते जा रहे हैं। हर रोज तालाबों का पानी कम हो रहा है, जो मछलियों की जान को खतरा बन रहा है। जनपद में मछली का बड़ा कारोबार है। रामपुर से मछली प्रदेश के ही अन्य जिलों को नहीं, बल्कि कई प्रदेशों को भेजी जाती है। पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली आदि प्रदेशों में मछली की सप्लाई होती है।
जनपद में मछली का बीज भी तैयार किया जाता है। मिलक क्षेत्र में ही करीब 40 हैचरी हैं। हालांकि हैचरी पर तो पानी की व्यवस्था कर रखी जाती है, लेकिन बार-बार इंजन-मोटर आदि से पानी भरना पड़ रहा है।
मछली के लिए तालाब में पांच से छह फिट पानी होना जरूरी है। इससे कम पानी होता है तो गर्म जल्दी हो जाता है। गर्म पानी में आक्सीजन की कमी हो जाती है। इससे मछलियों को सांस लेने में परेशानी होती है और दम घुटने से उनकी मौत हो जाती है। ऐसी शिकायतें विभाग को मिलने लगी हैं।