बाजार में सज गईं कई मुल्कों से आई खजूरें
माहे रमजान शुरू होते ही खजूर का बाजार गरमा गया है। ईरानी, अंबर और बसरा खजूर की डिमांड बढ़ गई है। खजूर से रोजा इफ्तार करना सुन्नत होता है। फिलहाल बाजार में अस्सी रूपये से नौ सौ रुपये प्रति किलो तक खजूर...
माहे रमजान शुरू होते ही खजूर का बाजार गरमा गया है। ईरानी, अंबर और बसरा खजूर की डिमांड बढ़ गई है। खजूर से रोजा इफ्तार करना सुन्नत होता है। फिलहाल बाजार में अस्सी रूपये से नौ सौ रुपये प्रति किलो तक खजूर बिक रही है।
रमजान में कई मुल्कों की खजूरे दुकानों और ठेलों पर सज गई हैं। रोजा इफ्तार के लिए ईरान से खजूर मुफ्त भेजी जाती है। बाजारों में बेचने वालों का कमीशन और मंडी शुल्क व ट्रांसपोर्टिंग का खर्च जोड़कर खजूर की कीमत वसूली जाती है। हालांकि, बाजार में सबसे ज्यादा महंगी खजूरे अंबर, अजबा और मरयम हैं यह खजूरें बाजार में करीब नौ सौ रुपये किलो तक बिकती हैं। इन खजूरों की खासियत यह है कि यह खुशबूदार और काफी रसीली होती हैं। हालांकि ईरानी और बसरा खजूर हर खासोआम की पहली पसंद होती है।
खजूर से रोजा इफ़्तार करना सुन्नत होता है। यदि चिकित्सकों की माने तो खजूर कुदरत का ऐसा फल है जिसमें तमाम मिनरल्स पाए जाते हैं। हज और उमरा करने के लिए सऊदी अरब जाने वाले वहां से खजूरे अवश्य लेकर आते हैं। मदीना और मक्का शरीफ की खजूरों का रसीलापन और ताजगी लंबे वक्त तक बनी रहती है।