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गुलशन परवीन के आंसुओं से पूछो क्या होता है तीन तलाक का दंश

तीन तलाक! यह महज शब्द नहीं बल्कि, किसी की दुनिया उजाड़ने के लिए काफी हैं। तीन तलाक का दंश क्या होता है, यह कोई गुलशन परवीन से पूछे। जिसने तलाक के बाद इस दर्द को जीया है, सुप्रीम कोर्ट तक यह लड़ाई लड़ी...

गुलशन परवीन के आंसुओं से पूछो क्या होता है तीन तलाक का दंश
हिन्दुस्तान टीम,रामपुरFri, 15 Dec 2017 11:19 PM
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तीन तलाक! यह महज शब्द नहीं बल्कि, किसी की दुनिया उजाड़ने के लिए काफी हैं। तीन तलाक का दंश क्या होता है, यह कोई गुलशन परवीन से पूछे। जिसने तलाक के बाद इस दर्द को जीया है, सुप्रीम कोर्ट तक यह लड़ाई लड़ी है और अंतत: सरकार ने इस पर कानून बना ही दिया।

तीन तलाक पर बिल मंजूर हो गया है। तीन तलाक बोलने पर तीन साल की सजा का प्रावधान किया गया है। संसद ने तलाक पर कानून पर मोहर लगा दी है। यह बिल मंजूर हो जाने के बाद आज उन महिलाओं के लिए बड़ी खुशी का दिन है जिन्होंने इस कुप्रथा के खिलाफ लड़ने की शुरूआत की थी। जिन्होंने यह ठान लिया था कि भले उनके पति ने उनकी जिन्दगी बर्बाद कर दी लेकिन वे अब आगे की पीढ़ी की जिन्दगी को बर्बाद नहीं होंगे देंगी। यहां की निवासी गुलशन परवीन ने भी इस कुप्रथा के खिलाफ जंग लड़ी। गुलशन परवीन का निकाह 2013 में हुआ था। उनका पति नोएडा में एक निजी फर्म में काम करता था। पति ने दस रुपये के स्टांप पेपर पर तीन तलाकनामा भेज दिया। तलाक के दौरान गुलशन परवीन का दो साल का बेटा भी था। जिस पर वह 2016 में सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं और याचिका दायर की थी। मालूम हो कि अगस्त माह में सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर अपना फैला सुनाया था। पांच जजों की संवैधानिक पीठ में से 3 जजों ने तीन तलाक को जहां असंवैधानिक बताया है, वहीं 2 जजों ने कहा कि इस पर संसद को कानून बनाना चाहिए। हालांकि 5 से 3 जजों की ओर से तीन तलाक की प्रक्रिया को ही खत्म कर दिया गया था।

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