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रामपुर:आज़म खान की यूनिवर्सिटी पहुंचा आर्मी टैंक,जानें क्या है मामला

इंडियन आर्मी की ओर से बतौर उपहार दिया गया चाबुक टैंक बुधवार को जौहर यूनिवर्सिटी पहुंच गया। यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं ने टैंक का जोरदार स्वागत किया। सड़कें इंडियन आर्मी और जौहर यूनिवर्सिटी जिंदाबाद...

रामपुर:आज़म खान की यूनिवर्सिटी पहुंचा आर्मी टैंक,जानें क्या है मामला
हिन्दुस्तान टीम,रामपुरThu, 12 Oct 2017 10:30 AM
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इंडियन आर्मी की ओर से बतौर उपहार दिया गया चाबुक टैंक बुधवार को जौहर यूनिवर्सिटी पहुंच गया। यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं ने टैंक का जोरदार स्वागत किया। सड़कें इंडियन आर्मी और जौहर यूनिवर्सिटी जिंदाबाद के नारों से गूंज उठीं। पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां ने कहा कि आर्मी ने यूनिवर्सिटी को टैंक गिफ्ट में दिया है।

पूना से 20 दिन का सफर तय कर टैंक बुधवार को रामपुर पहुंचा, जहां अंबेडकर पार्क पर जौहर यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राएं पहले से ही मौजूद थे। उन्होंने टैंक का जोरदार स्वागत किया। टैंक को बड़े ट्राले में रखकर लाया गया, जिसके आगे छात्र बाइकों पर जुलूस के रूप में चल रहे थे। जौहर यूनिवर्सिटी और इंडियन आर्मी के नारों से सड़कें गूंज उठीं।

यूनिवर्सिटी के गेट पर पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां ने टैंक को रिसीव किया और मेडिकल कॉलेज के सामने ले जाया गया। आजम खां ने टैंक के पास ही मीडिया से बातचीत में कहा कि लोगों को गलतफहमी थी कि आर्मी से हमारे रिश्ते खराब हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। आर्मी ने ही यूनिवर्सिटी को टैंक गिफ्ट किया है, जिससे बच्चे प्रेरित होंगे। यूनिवर्सिटी को सेना के और भी हथियार दिए जाएं, ताकि यहां आर्मी के हथियारों की नुमाइशगाह बन सके।

आर्मी का वकार सियासी दलों से ऊपर है। अब वह आर्मी के परिवार का हिस्सा हैं, उन्हें लड़ाकू विमान, तोपें आदि हथियार भी दिए जाएं।

आजम ने जताया आभार

पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां ने बार-बार इंडियन आर्मी की आभार जताया, लेकिन पूर्व श्रम मंत्री सरफराज खां का भी आभार जताया। बताया कि इनका सराहनीय योगदान रहा है।

चाबुक टैंक

आर्मी ने जौहर यूनिवर्सिटी को चाबुक टैंक गिफ्ट किया है उसे भारत ने वर्ष 1967 में रूस से खरीदा था। इंडियन आर्मी ने टैंक का नाम चाबुक रखा था। आर्मी ने देश भर में छह टैंक दिए हैं। चाबूक टैंक का वजन 60 टन है। जौहर यूनिवर्सिटी के लिए लाया गया टैंक पूना के किकड़ी शहर से आया है। टैंक 1682 किलोमीटर का सफर तय कर यूनिवर्सिटी पहुंचा। सेना के अधिकारी आकर इसे हिफाजत से शिफ्ट करायेंगे।

इसके अलावा पाकिस्तान से युद्ध में इसी मॉडल के टैंक इस्तेमाल हुए थे। यूनिवर्सिटी को इसके अलावा लड़ाकू विमान, तोपें आदि हथियार मिलने की भी संभावना है। रेल का कोयले वाला इंजन भी मिल सकता है यूनिवर्सिटी को। देश में छह शिक्षण संस्थाओं को दिए गए हैं टैंक।

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