खनन में गिर सकती है कई अफसरों पर गाज
अवैध खनन के मामले में कई बड़े अफसरों पर गाज गिर सकती है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में तीन दिन से लगातार सुनवाई की जा रही थी, जिसमें जिलाधिकारी समेत जनपद के कई अधिकारी पेश हुए। साथ ही पूर्व जिलाधिकारी राकेश...
अवैध खनन के मामले में कई बड़े अफसरों पर गाज गिर सकती है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में तीन दिन से लगातार सुनवाई की जा रही थी, जिसमें जिलाधिकारी समेत जनपद के कई अधिकारी पेश हुए। साथ ही पूर्व जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह भी यहां के मामले में पेश हुए हैं। अब आदेश आना बाकी है, जिसमें कई अफसर फंस सकते हैं।
स्वार क्षेत्र के दढ़ियाल गांव निवासी मकसूद ने दो साल पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। इसमें कहा था कि कोसी किनारे उसकी जमीन है, जिसमें कुछ लोग खनन कर रहे हैं। मना करने पर दबंगई की जाती है। इसके अलावा कोसी किनारे और भी कुछ लोग अवैध खनन कर रहे हैं, लेकिन शिकायत के बाद भी तहसील और जिला प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है। कुछ माफिया अवैध खनन कर भंडार भी कर रहे हैं, जिन्हें प्रशासन ने लाईसेंस भी दे रखा है। तब जिलाधिकारी यहां राकेश कुमार सिंह थे। अब इस मामले में हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है। तीन दिन से लगातार सुनवाई की जा रही थी। इसलिए जिलाधिकारी शिवसहाय अवस्थी, एसडीएम टांडा, खनन अधिकारी हाईकोर्ट गए थे।
डीएम ने इस मामले में की गई कार्रवाई से हाईकोर्ट को अवगत कराया। बताया कि जिसकी शिकायत की गई थी, उसका लाईसेंस निरस्त कर दिया गया। जुर्माना भी लगाया गया है और शस्त्र लाईसेंस भी निरस्त कर दिए गए हैं। राकेश कुमार सिंह अब कानुपर देहात के जिलाधिकारी हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल में की गई कार्रवाई से अवगत कराया। इस मामले में कुछ रोज यहां जिलाधिकारी रहे राजीव रौतेला भी फंसे हैं। उन्होंने भी अपना पक्ष हाईकोर्ट में रखा है। लगातार तीन दिन से चल रही सुनवाई को लेकर अफसरों के पसीने छूट रहे हैं। हालांकि अब तो खनन के मामले में सख्त कार्रवाई हुई है, जिसे हाईकोर्ट के सामने पेश किया गया, लेकिन राकेश कुमार सिंह के समय में सख्त कार्रवाई नहीं हो सकी थी।
हाईकोर्ट में खनन के मामले को लेकर सुनवाई की जा रही थी। प्रशासन का पक्ष रख दिया गया है। मामला दो साल पहले से चल रहा है। इसलिए दो पूर्व डीएम ने भी अपना पक्ष रखा है।
-शिवसहाय अवस्थी, जिलाधिकारी