कानपुर से कोलकाता तक लेदर कारोबारी के 38 ठिकानों पर छापेमारी, IT का ऐक्शन 3 दिन से जारी
आयकर विभाग की टीमों ने कानपुर, उन्नाव के 18, नोएडा में 11 ठिकानों के अलावा कई शहरों में छापेमारी शुरू की थी। तिलक नगर स्थित ग्रुप के संचालक के घर के अलावा सिविल लाइंस, जाजमऊ, कंपनी बाग, स्वरूप नगर, लखनपुर में कारोबार में सहयोगी व रिश्तेदारों के घर-कार्यालय में भी जांच जारी रही।

देश के बड़े लेदर निर्यातक समूह मिर्जा इंटरनेशनल और कारोबार में सहयोगियों के ठिकानों पर तीन दिन से जारी आयकर छापेमारी में अहम खुलासे हुए हैं। शनिवार को ग्रुप के उत्पादन और कागजों में मिलान में व्यापक स्तर पर हेराफेरी मिली है। टीम ने कई दस्तावेज कब्जे में ले लिए हैं। फिलहाल छापेमारी को लेकर अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। कानपुर, उन्नाव, हापुड़, आगरा, नोएडा, दिल्ली, लखनऊ, चेन्नई, कोलकाता समेत देश भर में 38 जगह छापेमारी में अब तक करोड़ों की नकदी, ज्वेलरी बरामद हुई है। इनका हिसाब-किताब संबंधितों से मांगा गया है।
गुरुवार सुबह छह बजे से आयकर विभाग की टीमों ने कानपुर, उन्नाव के 18, नोएडा में 11 ठिकानों के अलावा कई शहरों में छापेमारी शुरू की थी। तिलक नगर स्थित ग्रुप के संचालक के घर के अलावा सिविल लाइंस, जाजमऊ, कंपनी बाग, स्वरूप नगर, लखनपुर में कारोबार में सहयोगी व रिश्तेदारों के घर-कार्यालय में भी जांच शनिवार को भी जारी रही। उन्नाव के दही औद्योगिक क्षेत्र स्थित मिर्ज़ा इंटरनेशनल ग्रुप की टेनरियों में भी छापेमारी जारी रही।
ड्राइवर, माली से लेकर चपरासी तक के रिकॉर्ड खंगाले
आयकर अधिकारियों ने मिर्जा ग्रुप के ड्राइवर, माली से लेकर चपरासी तक के रिकॉर्ड खंगाले। करीबियों के आवास, कार्यालय में काम करने वाले भी छानबीन की जद में आए हैं। बैंक खातों की डिटेल के साथ-साथ तमाम जानकारियां भी जुटाई जा रही हैं। बैंक खातों की डिटेल के साथ-साथ तमाम जानकारियां भी जुटाई जा रही हैं। सूत्रों के मुताबिक कई बैंक खातों में अच्छी रकम मिली है, जिनको आधार बनाकर संबंधितों से पूछताछ की जा रही है।
टैरिफ की पहले से मार अब आप कर रहे अत्याचार
सूत्रों के अनुसार छापेमारी से परेशान मिर्जा ग्रुप से जुड़े लोगों ने आयकर अधिकारियों के सामने कड़ी नाराजगी भी जताई है। तीन दिन से जारी छापेमारी के दौरान परिजन भी कई बार अधिकारियों से उलझ चुके हैं। सहयोगियों ने तो यहां तक कह दिया कि ट्रंप के टैरिफ से व्यापार चौपट होने के बाद भी छापेमारी का क्या मतलब है। स्थितियां विपरीत होने के बाद भी परेशान किया जाएगा तो कारोबार करना कैसे संभव है। हालांकि आयकर अधिकारियों ने सिर्फ इतना ही कहा कि वह अपना सिर्फ काम कर रहे हैं, किसी को परेशान करने का कोई इरादा नहीं है।
आप हमारा खाता क्यों चेक करेंगे
ग्रुप के यहां लंबे समय से काम करने वाले ड्राइवर, चपरासी, माली भी कार्रवाई की जद में हैं। सूत्र बताते हैं कि आयकर अधिकारियों के सामने उस वक्त विषम स्थिति आ गई जब बैंक खाता की डिटेल मांगने पर कई ने यह तक कह दिया कि हमारा खाता क्यों चेक करेंगे। हमारी तनख्वाह और बचत के पैसे ही उसमें जमा है। इस पर विभाग को कड़ाई करनी पड़ी।
जांच में करोड़ों की आय के भी साक्ष्य
सूत्रों के मुताबिक जांच में करोड़ों रुपये की आय के साक्ष्य भी मिले हैं। इन स्थानों से बड़ी संख्या में अहम दस्तावेज भी बरामद किए गए। विभाग ने सीए, तकनीकी विशेषज्ञ और अन्य पेशेवर की टीम की मदद भी ली है। सूत्रों के अनुसार डाटा इमेजिंग एक प्रक्रिया है, जिसके तहत भौतिक डाटा को एक छवि में बदला जाता है ताकि उसे समझना, विश्लेषण करना और स्टोर करना आसान हो सके।
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से डिलीट डाटा निकाल मांगा जवाब
सूत्रों के मुताबिक लेदर निर्यातक ग्रुप व सहयोगियों के ठिकानों से बड़े स्तर पर कम्प्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल, सीसीटीवी कैमरा, पैन ड्राइव और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को आयकर अधिकारियों ने कब्जे में लिया है। फोरेंसिक टीमों ने कई डिलीट डाटा को रिकवर किया है। डिलीट डाटा निकालकर कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है। डाटा में मिली व्हाट्सएप चैट, संदेश और अन्य दस्तावेजों में मिले लेन-देन आदि के बारे में पूछा जा रहा है।





