बोले रायबरेली/खुले में रखे ट्रांसफार्मरों से बारिश में और भी खतरा बढ़ा
Raebareli News - ट्रांसफार्मर जो बिजली आपूर्ति की रीढ़ माने जाते हैं, अब जानलेवा साबित हो रहे हैं। शहर और गांवों में खुले में रखे ट्रांसफार्मर हादसों का कारण बन रहे हैं। कई जगहों पर इनकी सुरक्षा व्यवस्था नहीं है, जिससे...
बिजली आपूर्ति की रीढ़ कहे जाने वाले ट्रांसफार्मर जानलेवा साबित हो रहे हैं। शहर से लेकर गांव तक खुले में रखे ट्रांसफार्मर हादसों को दावत दे रहे हैं। कई जगह इन्हें रखने के लिए चबूतरा तक नहीं बनाया गया है। बिना फेंसिंग के रखे ट्रांसफार्मर आम लोगों के लिए सिरदर्द बन गए हैं। जहां कहीं पर ट्रांसफार्मर की फेंसिंग की गई है, वह भी सिर्फ खानापूरी तक सीमित है। रायबरेली, संवाददाता। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक जगह-जगह खुले में रखे ट्रांसफार्मर लोगों के लिए खतरा साबित हो रहे हैं। ट्रांसफार्मर से निकली चिंगारी से बड़ा हादसा होने की अशंका रहती है।
तमाम जगहों पर आग लगने से मवेशियों, पछियों की मौत हो चुकी है। जबकि तमाम लोग झुलस चुके हैं। आम लोगों की शिकायतों के बावजूद विभाग की ओर से प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही है। शहर से लेकर कस्बे और ग्रामीण क्षेत्रों में तमाम जगहों पर खुले में ट्रांसफार्मर रखे हैं। जिला मुख्यालय से दूर करीब 30 किलोमीटर पर स्थित पर परशदेपुर कस्बे के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर के अंदर खुले में ट्रांसफार्मर रखा हुआ है। ट्रांसफार्मर के आसपास जहां झाड़ झंखाड भी है। बारिश के समय बिजली के तारों में स्पार्किंग भी होती है। ऐसे में करंट फैलने का खतरा बना रहता है। इससे अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले लोगों के सिर पर खतरा मंडराया करता है। कस्बे के वार्ड नंबर पांच के काजी मोहल्ले में रास्ते के बगल में ही चबूतरे पर नीचे रखा ट्रांसफार्मर बिजली विभाग के जिम्मेदारों की पोल खोल रहा है। इसी रास्ते से प्रतिदिन सैकड़ो लोगों का दिन भर आना जाना लगा रहता है। कई बार तो ऐसा हुआ कि अचानक तारों की स्पार्किंग से आसपास के घरों तक चिंगारियां फैल गई। हालांकि गनीमत रही कि किसी के घर में आग नहीं लगी, लेकिन मोहल्ले के लोगों में जरूर दहशत बनी हुई है। बिजली विभाग के जिम्मेदारों के द्वारा खुले में रखे हुए ट्रांसफार्मर की व्यवस्था न किए जाने को लेकर लोगों में आक्रोश भी व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि हर माह करोड़ों रुपया का राजस्व कमाने वाले विभाग के पास व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए बजट ही नहीं है। अगर ट्रांसफार्मर खुले में लगाए जाएं तो बिजली विभाग इसकी पूरी तरह व्यवस्था कराए। आबादी से इसकी दूरी भी तय है, लेकिन उसके बावजूद मानक के विपरीत मनचाहे स्थान पर ट्रांसफार्मर रख दिए जाते हैं। वहीं, खुले में रखे ट्रांसफार्मर की बैरिकेडिंग करवाने के निर्देश हैं। इक्का दुक्का स्थान को छोड़कर अधिकांश जगह खुले में विद्युत पोल के नीचे ही जमीन पर ट्रांसफार्मर रखे हुए हैं। ट्रांसफार्मर रखे जाने के पहले उसकी बैरिकेडिंग कराने का प्रावधान है। बिजली विभाग लोगों की जान की परवाह नहीं करते और सुरक्षा इंतजाम नहीं करते हैं। उनके लिए मवेशी और पछियों के साथ इंसानों की जान की अहमियत कुछ भी नहीं है। तभी तो इस तरह से गैर जिम्मेदाराना रवैया के तहत खुले में ट्रांसफार्मर लगाए जा रहे हैं। इन नियमों का पालन किया जाना चाहिए -ट्रांसफार्मर को किसी भी इमारत, ओवरहैंग, बालकनी, या बाहरी सीढ़ियों से कम से कम 10 फीट (3 मीटर) की दूरी पर स्थापित किया जाना चाहिए। -ट्रांसफार्मर के चारों ओर एक सुरक्षित बाड़ या घेरा होना चाहिए, खासकर यदि यह सार्वजनिक क्षेत्र में है, ताकि आम जनता उस तक न पहुंच सके। -ट्रांसफार्मर को ज्वलनशील पदार्थों, जैसे कि सूखी घास, लकड़ी, या कागज से दूर रखना चाहिए। -ट्रांसफार्मर को ओवरलोड और शॉर्ट-सर्किट से बचाने के लिए उचित सुरक्षा उपकरण, जैसे कि सर्किट ब्रेकर या फ्यूज, लगाए जाने चाहिए। -ट्रांसफार्मर को नियमित रूप से निरीक्षण और रखरखाव किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह अच्छी स्थिति में है और ठीक से काम कर रहा है। -ट्रांसफार्मर को ऐसे क्षेत्र में स्थापित किया जाना चाहिए जहां पर्याप्त वेंटिलेशन हो, खासकर यदि यह तेल से भरा हुआ है। -ट्रांसफार्मर के आसपास के क्षेत्र को साफ और सुव्यवस्थित रखना चाहिए, ताकि कोई भी व्यक्ति उस तक आसानी से पहुंच सके और उसका निरीक्षण कर सके। -ट्रांसफार्मर के आसपास चेतावनी संकेत लगाए जाने चाहिए ताकि लोगों को यह पता चल सके कि यह एक खतरनाक क्षेत्र है। बोले अधिकारी सड़कों के किनारे या जो भी खुले में ट्रांसफार्मर रखे हुए हैं, वहां सुरक्षा व्यवस्था नहीं है या खराब है तो इनको विभाग जांच कर व्यवस्थित कराएगा। किसी भी उपभोक्ता को कोई असुविधा होती है तो स्थानीय विभागीय कर्मियों को सूचना दे सकता है, उसकी समस्या का समाधान कराया जाएगा। मुकेश कुमार, अधीक्षण अभियंता फोटो 19। क्या बोले ग्रामीण --- खुले में ट्रांसफार्मर रखने से पहले बिजली विभाग को सुरक्षा की व्यवस्थाएं करनी चाहिए। इसे हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है। लोगों में भी डर बना रहता है। इसकी शिकायत भी समय-समय पर की जाती रही है। प्रभात ---- लोहे की रेलिंग या फिर कटीले तार से चारों तरफ बैरिकेडिंग की जाए, जिससे मवेशी या कोई भी व्यक्ति ट्रांसफार्मर के पास न पहुंच सके। अक्सर खुले में रखे ट्रांसफार्मर से हादसे से हो जाते हैं। इस पर प्रभावी तरीके से कम होना चाहिए। अमरप्रकाश गुप्ता --- हर माह बिजली का बिल जमा किए जाने के बावजूद बिजली विभाग सुरक्षा व्यवस्था के प्रति गंभीर नहीं है। खासकर कॉलोनी में खुले में रखे ट्रांसफार्मर हमेशा हादसे को दावत देते रहते हैं। इस पर प्रभावी तरीके से काम करना चाहिए। बबलू ---- गांव के छोटे-छोटे बच्चे क्रिकेट खेलते रहते हैं। कई बार ट्रांसफार्मर के पास गेंद चली जाती है। ऐसे में उनके करंट की चपेट में आने का खतरा रहता है। इसलिए ट्रांसफार्मरों की फेंसिंग जरूरी है। शफीक --- विभाग अगर सुरक्षा व्यवस्था नहीं दे सकता है तो उसे खुले में ट्रांसफार्मर रखने का कोई अधिकार भी नहीं है। आमजन के लिए यह बहुत बड़ा खतरा होते हैं। ट्रांसफार्मरों की सुरक्षा को प्राथमिकता के आधार पर कराया जाना चाहिए ताकि लोग सुरक्षित रहें। नईम ---- घरों की बालकनी से निकले बिजली के नंगे तारों को हटाकर केबल लाइन बिछाई जाए, जिससे खतरा कम हो सकता है। खुले तारों से बिजली चोरी की आशंका रहती है। साथ ही हादसा होने का भी खतरा बना रहता है। शाफिक ---- घनी आबादी से दूर एकांत स्थान पर बिजली के ट्रांसफार्मर लगाए जाएं और उसे क्षेत्र में किसी को जाने की अनुमति न दी जाए। इसके लिए सूचना बोर्ड लगाया जाए। ताकि लोग अलर्ट रहें। अनूप कुमार --- गरीब किसानों के मवेशियों की आए दिन खेतों में करंट की चपेट में आने से मौत हो रही है। इसे रोका जाए। खुले में रखे ट्रांसफार्मर भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। इनके लिए कार्य योजना बनाई जानी चाहिए। मो. अकील ---- बिजली विभाग में यदि कर्मचारियों की कमी है तो खाली पड़े पदों पर कर्मचारियों की तैनाती की जाए। ताकि सुरक्षा के कामों को कराया जा सके और हादसों पर अंकुश लगाया जा सके। जमील अहमद -- संविदा पर काम करने वाले कर्मचारी उपभोक्ताओं से व्यवहार ठीक नहीं रखते हैं। जब कभी समस्या करते हैं समस्या की शिकायत करते हैं तो वह उल्टा सीधा बात करते हैं। शिकायत पर काम नहीं होने से हादसा होने की आशंका बनी रहती है। इस पर अंकुश लगाया जाना चाहिए। मो. शकील ---- चाहे समाधान दिवस हो या बिजली विभाग की ओर से कैंप लगाए गए हो, व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए शिकायतें हमेशा आती हैं। शिकायतों पर कार्यवाही न के बराबर होती है। अगर शिकायतों पर काम हो जाए तो हादसों पर भी अंकुश लग सकता है। मो. अहमद ---- बिजली विभाग की ओर से तय मानक के स्थान पर ही ट्रांसफार्मर लगाया जाए। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। लापरवाही बरतने का नतीजा होता है कि कई बार हाथ से हो जाते हैं। इस पर निगरानी की जानी चाहिए। इमरान --- अस्पताल और स्कूल परिसर से बिजली ट्रांसफार्मर दूर लगाए जाएं ताकि छोटे बच्चे या कोई भी व्यक्ति करंट की चपेट में न आने पाए। इसको लेकर कई बार शिकायतें की गई, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया जाता है। हाजी मो. उस्मान --- गर्मी के मौसम में ट्रांसफार्मर सबसे अधिक दिक्कत पैदा करते हैं। इसकी शिकायतें भी होती हैं, लेकिन प्रभावी समाधान नहीं हो पाता है। ट्रांसफार्मर को लेकर विशेष निगरानी की जरूरत है। बबलू घोसी --- शिकायतें -आबादी के बीच में कई ट्रांसफार्मर खुले में रखे हुए हैं। इनसे हादसे की आशंका बनी रहती है। -तमाम ट्रांसफार्मर ओवरलोड चलते रहते हैं। ओवरलोडिंग के चलते भी हादसा हो सकता है। -जब ट्रांसफार्मर खराब होता है, उपभोक्ता विभाग से संपर्क करते हैं। ट्रांसफार्मर लाने के लिए उपभोक्ताओं को पैसे खर्च करने पड़ते हैं। -विभाग में ट्रांसफार्मर का का अभाव रहता है। खराब होने पर बदलने में काफी वक्त लगता है। -ट्रांसफार्मर रखने के लिए चबूतरा नहीं बनाया गया है। कई जगह मिट्टी में ही ट्रांसफॉर्म रखे हुए हैं। सुझाव -बिजली विभाग में ट्रांसफार्मर को ठीक करने के लिए टोल फ्री नंबर हो। ताकि शिकायत करने पर तुरंत कार्रवाई हो। -ट्रांसफार्मर खराब हो जाए तो उसे तय स्थान तक पहुंचाने की जिम्मेदारी विभाग की हो। उपभोक्ताओं पर किसी तरह का भार न डाला जाए। -ट्रांसफार्मर जल जाने पर नजदीकी बिजली उपकेंद्र पर उसके बदलवाने की व्यवस्था हो। लोगों को अपने खर्चे से मुख्यालय न जाना पड़े। -गर्मियों में अधिकांश ट्रांसफार्मर पर लोड बढ़ जाता है। इसके लिए स्थाई इंतजाम होने चाहिए। -विभाग में ट्रांसफार्मरों का अभाव खत्म किया जाए। इससे निपटने के लिए ठोस इंतजाम किए जाए। नंबर गेम 24 घंटे से अधिक का समय लग जाता है ट्रांसफार्मर बदलने में 06 लाख के करीब घरेलू उपभोक्ता जिले में हैं 54 बिजली उपकेंद्र जिले में बने हुए हैं ---------- बारिश के समय बढ़ जाता है और खतरा रायबरेली। खुले स्थानों पर लगे ट्रांसफार्मर से बारिश के समय में खतरा और बढ़ जाता है। पेड़ पौधों के साथ पानी में करंट संचालित होने का खतरा बढ़ जाता है। खेतों में किसान काम करते रहते हैं। ऐसे में वहां भी खतरा मंडराता रहता है। इसके अलावा कहीं बांस बल्ली के सहारे बिजली के तार लटक रहे हैं तो कहीं खभों की दूरी अधिक होने के कारण तार लटकते रहते हैं । ऐसे में हादसे की आशंका बनी रहती है। आएदिन होती हैं करंट की घटनाएं रायबरेली। जनपद में आए दिन करंट लगने की घटनाएं होती रहती हैं। बीते शनिवार को भी सरेनी और खीरों थाना क्षेत्र में करंट की चपेट में आने से दो लोग झुलस गए थे। इसमें एक बिजली विभाग का संविदा कर्मी है। खीरो क्षेत्र की रहने वाली महिला खेतों में काम करते समय करंट की चपेट में आ गई थी। यह तो मात्र दो दिन की एक बानगी है। अलग- अलग थाना क्षेत्र में करंट की चपेट में आने से इस साल कई लोगों की मौतें हो चुकी हैं। मवेशी और पंछियों की मौत के कोई आंकड़े भी हैं। इस सबके बावजूद बिजली विभाग सुरक्षा के प्रति तनिक भी संजीदा नहीं है। जबकि आए दिन ग्रामीणों के द्वारा इस तरह की समस्याओं को लेकर शिकायतें भी की जा रही हैं। बावजूद इसके विभाग के जिम्मेदार प्रभावी कदम नहीं उठा रहे हैं। --- बदइंतजामी व अव्यवस्थाओं से जूझ रहे लोग रायबरेली। मकड़जाल की तरह जगह-जगह लटक रहे बिजली के तार और खुले में रखे ट्रांसफार्मर से बिजली विभाग की बदइंतजामी और लापरवाही का दंश झेल रहे लोग परेशान हो चुके हैं। इन्हीं अव्यवस्थाओं के चलते जनपद में आए दिन बिजली विभाग से होने वाली दुर्घटनाओं से लोगों की जाने भी जा रही हैं। हादसों को कम करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को व्यवस्थाएं सुधारनी पड़ेगी। घनी आबादी के बीच निकलने वाली हाटटेंशन लाइन को हटाकर केबल लाइन बिछाई जाए। खेत खलिहान में और आबादी के बीच लटक रहे बिजली के तारों सही कराया जाय। लाइन पर आने वाली पेड़ों की टहनियों की समय-समय पर छंटाई करवाई जाए। इससे बिजली के करंट की घटनाएं कम होगी। ग्रामीण को भी जागरूक भी किया जाए। आबादी के बीच रखे ट्रांसफार्मर पर विशेष निगरानी की जरूरत रायबरेली। जनपद में तमाम जगह आबादी के बीच खुले में ट्रांसफार्मर रखे हैं। इनसे हमेशा हादसे की आशंका रहती है। ऐसे ट्रांसफार्मर हटाए जाए या फिर उनकी सुरक्षा के उपाय किए जाएं। कई जगह नीचे रखे ट्रांसफार्मर के आसपास बारिश का पानी भर जाता है। इससे लोगों पर खतरा मंडराया करता है। अगर बिजली विभाग के अधिकारी समय-समय पर तारों में लिपटे झाड़-झंखाड़ की साफ सफाई और लटके तारों को सही करा दें तो खतरा कम हो सकता है।
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