बोले रायबरेली/जीएसटी की नई दरें बाजार में ला रही रौनक
Raebareli News - केंद्र सरकार ने जीएसटी की दरों में कटौती की है, जिसका असर ग्राहकों और व्यापारियों पर दिखने लगा है। ग्राहकों को सस्ते सामान का लाभ मिल रहा है, जिससे बाजार में रौनक लौट आई है। हालांकि, छोटे दुकानदारों...

केंद्र सरकार ने जीएसटी की दरों में कटौती की है। इस कटौती का असर दिखने लगा है। ग्राहकों को इसका लाभ मिलना शुरू हो गया है। हालांकि अभी कुछ सामानों पर स्थिति साफ नहीं है। घरेलू सामानों की दरों में कटौती का असर दिखने लगा है। लोग खरीदारी के लिए आगे आ रहे हैं। दीवाली को लेकर व्यापारी भी आश्वस्त हैं कि बाजार में और सुधार होगा। व्यापार मंडल से लेकर खुदरा व्यापारियों तक में अभी कुछ संशय बना हुआ है। कई दुकानदार नए नियम के तहत जीएसटी ले रहे हैं जबकि कई पुरानी दरों में ख्ररीदी हुई वस्तु को कम करके बेचने से बच रहे हैं।
केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी की गई कटौती का असर धीरे-धीरे बाजार में दिखने लगा है। नई दरें बाजार में रौनक लौटा रही हैं। खरीदारों के साथ दुकानदार भी बाजारों में रौनक लौटने की बात कह रहे हैं। खरीदारों का कहना है कि सामानों के दाम घटने से सामान सस्ता मिलने लगा है। त्योहारी सीजन में लिए गए इस फैसले से व्यापारी भी खुश हैं। हालांकि व्यापारी कम्पनियों की ओर से बेहतर सहयोग न मिलने के कारण असमंजस में हैं। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने जीएसटी की नई दरों को लेकर ग्राहकों व व्यापारियों से बात की तो उन्होंने अपने साझा किए। ग्राहकों ने कहा कि सरकार ने जीएसटी की दरों में कटौती करके बड़ा तोहफा दिया है। त्योहारी सीजन में सामानों के दाम कम होने से लोगों को फायदा मिलेगा। लोग अधिक सामान खरीदेंगे और बाजार गुलजार होगा। सरकार की ओर से जीएसटी के स्लैब में हुए बदलाव का असर बाजार में दिख रहा है। ग्राहक भी बढ़े हैं लेकिन छोटे दुकानदारों के लिए यह मुसीबत भी बन गयी है। छोटे दुकानदार जो जीएसटी ने देते हैं उन्होंने नए नियम के पहले ही जो सामान खरीद लिया है अब उसमें वे कमी नहीं कर पा रहे हैं। क्योंकि उनका माल वापस भी नहीं हो रहा है ऐसे में वे पुराना माल पुरानी दरों पर ही बेच रहे हैं। पुरानी खरीद पर जीएसटी नहीं कम होने से पुराने माल को पुरानी दरों पर ही बेचना पड़ रहा है। इसमें सबसे ज्यादा परचून के दुकानदार प्रर्भावित हो रहे हैं। वे ग्राहकों को न लाभ दे पा रहे हैं और नहीं सच बता पा रहे हैं। हालांकि बड़े दुकानदारों पर इसका कोई खास फर्क नहीं पड़ रहा है। वे जीएसटी रिर्टन दाखिल कर अपना हिसाब बना लेंगे। ग्राहक भी अभी तक पूरी तरह से इस नियम को समझ नहीं पाया है। इस वजह से कई बार उनके दुकानदरों से उनकी बात भी हो रही है। बाजार में शुरुआती दो दिनों में तो जो रौनक लौटी है, वह बरकरार है। धीरे-धीरे रौनक और बढ़ने की उम्मीद है। व्यापारियों का मानना है कि दीपावली के समय ग्राहकों की संख्या में काफी इजाफा होगा। इसकी व्यापारी तैयारी भी कर रहे हैं। यही नहीं कई व्यापारियों ने नए जीएसटी रेट को लेकर पहले स्टाक नहीं लगाया था अब स्टाक लगा रहे हैं। व्यापारियों के मध्य कई वस्तुओं की दरों को लेकर भी असमंजस बना हुआ है। उनकी माने तो जीएसटी का लाभ मिलेगा जरूर लेकिन अभी थोड़ी समस्या हो रही है। दीपावली के बाद स्थितियां तेजी से बदलेंगी और इसका फायदा ग्राहकों के साथ ही व्यापारियों को भी होगा। जब सामान की बिक्री बढ़ेगी तो निश्चित रूप से व्यापार भी बढ़ेगा। इसका फायदा सबको होगा, इसका असर आने में अभी समय लगेगा। बढेगा व्यापार, सुधर रही मार्केट, हर किसी को मिलेगा लाभ जीएसटी के बदले स्लैब का प्रभाव ग्राहकों के साथ ही व्यापारियों को भी मिल रहा है। नवरात्रि के पहले दो दिन तो बाजार में खासी रौनक रही लेकिन इसके बाद प्रभाव कुछ कम हुआ है। हालांकि लोगों को जागरूक करने के लिए कई आयोजन भी चल रहे हैं। इसके बाद भी बाजार में अभी ग्राहकों की संख्या का इंतजार हो रहा है। व्यापारियों को पूरा भरोसा है कि डूब रहे बाजार को नया जीएसटी स्लैब निश्चित रूप से मजबूत करेगा। इसी उम्मीद से व्यापारी अब दीपाली व आने वाले सीजन को लेकर तैयारी में जुट गया है। नवरात्रि की रौनक से खुश व्यापारियों को अब दीपावली का इंतजार है। उनका मानना है कि अभी थोड़ी समस्या हो रही है लेकिन धीरे-धीरे जब सभी बातें सामने आएंगी तभी कुछ कहा जा सकता है। समस्याओं का निराकरण तो आज नहीं कल हो ही जाएगा लेकिन इसका एक गलत प्रभाव भी पड़ रहा है। ग्राहकों के लिए तो दरवाजे खुल गए हैं लेकिन व्यापारियों को समस्या हो रही है। पुरानी दरों पर खरीदे गए माल को लेकर जरूर समस्या हो रही है। व्यापारी उस माल को बेचने से बच भी रहा है साथ ही घबड़ा भी रहा है। कई व्यापारियों ने तो जीएसटी केस्लैब में हुए बदलाव के बाद कम हुई दरों पर सामान को बेच रहे हैं लेकिन कई ऐसे हैं तो जो दरों को कम नहीं कर रहे हैं। इससे उपभोक्ता ज्यादा परेशान हो रहा है। 02 लाख से अधिक व्यापारी हैं पंजीकृत 10 करोड़ रुपए से अधिक का महीने में जमा होता है जीएसटी 01 लाख से अधिक ग्राहक करता है खरीदारी इनकी भी सुनें इलेक्ट्रानिक सामानों की दरों में प्रभाव पड़ा है। इसका असर भी दिख रहा है। नवरात्रि के शुरूआत के दो दिनों में तो व्यवसाय अच्छा रहा लेकिन इसके बाद कम पड़ गया है। दीपावली पर व्यवसाय अच्छा होगा। आशीष गुप्ता इसका असर दीपावली के दौरान दिखेगा। महीनें का अंत होने के कारण लोग खरीदारी कम कर रहे हैं। ऐसे में बाजार में जिस रौनक की उम्मीद की जा रही है वह अक्टूबर में दिखेगी। धर्मेन्द्र साहू सरकार का प्रयास सराहनीय रहा है लेकिन कम्पोजीशन वाले दुकानदारों को नुकसान हो रहा है। क्योंकि वे रिर्टन भी दाखिल नहीं करते हैं ऐसे में दुरानी दरों में खरीदे गए माल पर उनको नुकसान हो रहा है। मनमीत सिंह बग्गा एक लम्बे इतंजार के बाद सरकार ने बेहतर प्रयास किया है लेकिन इसके लिए अभी समय लगेगा। व्यापारी वर्ग के सामाने अब चुनौतियां ज्यादा आ गयी है। महेश साहू जीएसटी दो स्लैब में होने से सभी लोगों को राहत मिल रही है। अभी बाजार में वह रौनक नहीं है जिसकी उम्मीद हर कोई कर रहा है। इसमें अभी एक-दो माह का समय लग जाएगा। गुरुमीत सिंह तनेजा जीएसटी दो स्लैब में होने से राहत तो है लेकिन कंबल जैसे अन्य सामानों में जीएसटी बढ़ा भी दी गई है। पच्चीस रुपए की कीमत से अधिक की खरीद पर अब 18 प्रतिशत देना होगा। सुनील साहू बाजार में रौनक अब आगे बढ़ेगी, इसका पूरा असर एक से दो माह के अंदर दिखेगा। व्यापार में बढोत्तरी होगी। ग्राहकों के साथ ही व्यापारियों को भी लाभ होगा। जसपाल सिंह सरकार के प्रयासों से ग्राहकों को समझाने में आसानी हो रही है। ग्राहक भी समझ कर ही दुकान पर आ रहा है। जिससे बिक्री करने में आसानी हो रही है। इलेक्ट्रानिक सामान की बिक्री अधिक हो रही है। सुनील कुमार पुरानी दरों पर खरीदे के सामान को लेकर थोड़ा संशय बना हुआ है लेकिन इसका भी हल हो जाएगा। सरकार के प्रयास से बाजार को नया जीवन मिला है। अनिल कुमार सरकार जिस तरह से प्रयोग कर रही है उसका असर आगे दिखेगा। सरकार के इस प्रयास से छोटे व्यापारियों को भी लाभ होगा, उनको अब कम निवेश पर अधिक लाभ मिलेगा। राजेश शर्मा जीएसटी के दो स्लैब से रिर्टन दाखिल करना भी आसान हो जाएगा। इसके साथ ही हिसाब-किताब करने में आसानी होगी। ग्राहक के लिए भी यह फायदेमंद है, जिसका असर भी दिखने लगा है। वकील सिंह बग्गा जीएसटी को लेकर पहले जो संशय था वह खत्म हो रहा है। लोग अब आसानी से इसे समझ रहे हैं जिससे ग्राहकों के साथ ही व्यापारियों को भी समझने में आसानी हो रही है। धर्मेश यादव दीपावली आने तक स्थितियां बाजार की काफी बदल जाएंगी। लोग अभी थोड़ा इंतजार कर रहे हैं वहीं व्यापारी भी स्टाक लगा रहा है। ऐसे में त्योहार आने पर बाजार में पूरी तरह से चढ़ जाएगी। मनोज तिवारी ग्राहक इस समय से सबसे ज्यादा इलेक्ट्रानिक आइटम के साथ वाहनों की खरीद कर रहा है। कइयों ने तो एडवांस भी कर दिया है लेकिन वे खरीदेंगे दीपावली के समय ही। राजा सोनकर बोले जीएसटी अधिवक्ता बताया कि सरकार के निर्णय का प्रभाव बाजार में दिखने लगा है। कम्पोजीशन के रूप में दर्ज दुकानदारों के सामने जरूर समस्या खड़ी हो रही है लेकिन यह सिर्फ कुछ दिनों तक ही रहेगी। विजय सिंह, जीएसटी अधिवक्ता ---------- शिकायत -पुराने सामान पर कई व्यापरी नहीं मान रहे नए नियम -जीएसटी के बाद भी संशय बरकरार, ग्राहक को राहत मिलेने दिक्कत -कम्पोजीसन के तहत पंजीकृत व्यापारियों के सामने समस्या -व्यापारियों को और छूट मिलने की उम्मीद, एक माह तक रहेगी समस्या -ग्राहकों को समझाना हो रहा मुश्किल, उलझ रहे व्यापारियों से सुझाव -लोगों को नए जीएसटी नियमों के प्रति जागरूक किया जाए -पुरानी दरों में सामान खरीद चुके व्यापारियों को कम्पनियां दे राहत -ग्राहकों को भी दी जाए सही जानकारी, नियमों का हो प्रचार प्रसाद -व्यापारियों के यहां भी जागरूकता के लिए किए जाएं प्रयास -व्यापारी और ग्राहकों के मध्य आए संदेह को दुर किया जाए -------- ग्राहकों के मन में भी है संदेह रायबरेली। व्यापारियों के साथ ही ग्राहकों के मन में भी संदेह बना हुआ है। उनके अंदर जीएसटी को लेकर संदेह बना हुआ है। खासतौर पर परचून की दुकानों में ग्राहकों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। दुकानदार उनको कोई राहत नहीं दे रहे हैं। इससे समस्या हो रही है। ये ग्राहक भी बडे नहीं होते हैं ऐसे में इनको सरकार के नए जीएसटी स्लैब का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ग्राहकों की तरह दुकानदारों का भी कहना है कि वे क्या करें। उनको मजबूरी में पुरानी दरों में सामान बेचना पड़ रहा है। इसका निजात तभी होगा जब पुरानी दरों पर खरीदा गया माल बिक जाएगा और नई दरों पर खरीदे गए माल की बिक्री शुरू होगी। कंपोजीशन वाले दुकानदार परेशान रायबरेली। जीएसटी पंजीकरण में दो तरह के दुकानदार पंजीकृत होते हैं। एक रेगुलर व दूसरा कम्पोजीशन के रूप में पंजीकरण कराता है। नियमित दुकानदार तो नियमित रूप से जीएसटी जमा करता है उसकी रसीद भी कटौती है लेकिन कम्पोजीशन के रूप में दर्ज व्यापारी बिक्री पर एक प्रतिशत ही रिर्टन भरता है। इन व्यापरियों के सामने समस्या है कि वे पुरानी दरों पर खरीदे गए सामान पर जीएसटी का रिर्टन भी दाखिल नहीं कर सकते हैं। ऐसे में उनको नई दरों पर बिक्री करने पर पुराने माल पर थोड़ा नुकसान जरूर उठाना पड़ सकता है। यही कारण है कि आए दिन किसी न किसी दुकानदार से ग्राहकों की झड़प हो जाती है।
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