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क्यों नहीं लागू हो रहे कोविड-19 रेगुलेशन : हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए सबसे ज्यादा जरूरी चीज शारीरिक दूरी का पालन न करने पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार यदि जरूरी समझे तो इसके सहित अन्य आवश्यक उपायों के पालन के लिए...

क्यों नहीं लागू हो रहे कोविड-19 रेगुलेशन : हाईकोर्ट
हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराजWed, 15 Jul 2020 03:33 AM
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए सबसे ज्यादा जरूरी चीज शारीरिक दूरी का पालन न करने पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार यदि जरूरी समझे तो इसके सहित अन्य आवश्यक उपायों के पालन के लिए सख्त प्रावधान लागू करे। कोर्ट ने भारी जुर्माना लगाने का सुझाव भी दिया है।

कोर्ट ने कहा कि तमाम उपायों के बावजूद लोग महामारी के संक्रमण को लेकर जागरूक नहीं हैं। वे शारीरिक दूरी बनाए रखने, मास्क लगाने व हाथ धोने जैसे उपायों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कोरोना संक्रमण को लेकर सरकारी इंतजामों की निगरानी कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ ने कहा कि सरकार अगली सुनवाई पर एक योजना प्रस्तुत करे कि सोशल डिस्टेंसिंग के प्रावधानों को वह किस तरह लागू करेगी। खंडपीठ ने कहा कि कोर्ट यह नहीं समझ पा रही है कि कोविड-19 रेगुलेशन 2020 और आईपीसी व सीआरपीसी के प्रावधानों को क्यों नहीं लागू किया जा रहा है।

कोर्ट ने कहा कि मोहल्ला कमेटियों को और सक्रिय किया जाए ताकि इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षणों वाले लोगों के बारे में जानकारी मिल सके। हेल्पलाइन नंबरों को प्रकाशित करने का निर्देश देते हुए सरकार से कहा कि अपने कार्यालयों में कम्प्यूटराइजेशन की व्यवस्था दुरुस्त करे ताकि ज्यादा से ज्यादा काम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो सके। कोर्ट ने बीएसएनएल और दूसरों को भी अपनी व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा है ताकि मजबूत नेटवर्क प्रदान किया जा सके। कोर्ट ने नगर निगम को मास्क के उचित निस्तारण का निर्देश भी दिया है। अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने खंडपीठ को बताया कि बहुत जल्द एक उच्चस्तरीय बैठक करके संक्रमण से बचने के प्रावधानों पर विचार किया जाएगा। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन करने का कानून बनाया जाए।

डॉक्टरों ने बताए प्रयागराज में किए जा रहे उपाय

सुनवाई के दौरान उपस्थित डॉक्टरों ने खंडपीठ को बताया कि आरटीपीसीआर मशीन से इस समय लगभग 1100 टेस्ट किए जा रहे हैं। इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए बहुत जल्द आरएनए ट्रैकर मशीन लाई जा रही है, जिससे टेस्ट की क्षमता 400 से 500 तक बढ़ जाएगी। यह मशीन एम सप्ताह में प्रयागराज में होगी। कोर्ट को यह भी बताया गया कि वर्तमान समय में 6000 रैपिड टेस्टिंग किट उपलब्ध हैं। ये 25 जून को मिली 5000 किट के अलावा हैं। एक सप्ताह में 4000 किट और आनी हैं। बताया गया कमला नेहरू, नाज़रेथ, कृति स्कैनिंग सेंटर, जीवन ज्योति अस्पताल और अन्य जगह पर ट्रू नॉट मशीन लगाने पर विचार किया जा रहा है, जो मरीजों के इलाज के लिए जरूरी है। कोर्ट ने अगली तारीख पर यह बताने को कहा है कि जिले में प्लाज्मा ट्रीटमेंट क्या व्यवस्था है। साथ ही सरकार को कोरोना मरीजों का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में कराने और होम कोरेन्टीन के संदर्भ में अपनी नीति बताने का निर्देश दिया है।

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