प्रयागराज वरिष्ठ संवाददाता
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के नए अध्यक्ष संजय श्रीनेत इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पुरा छात्र हैं। 80 के दशक के अंतिम वर्षों में एएन झा छात्रावास में रहकर बीए करने वाले संजय श्रीनेत हिन्दी से एमए करने जेएनयू चले गए थे।
अध्यक्ष पद पर उनकी नियुक्ति की सूचना मिलने पर प्रतियोगी छात्रों के बीच भी चर्चा शुरू हो गई। सीबीआई जांच में क्या भूमिका रहेगी, पारदर्शिता, आरटीआई, स्केलिंग, अंकपत्र, अंतिम उत्तर कुंजी और आयोग में हुए खेल पर उनका रुख देखने लायक होगा।
छात्रों की यह भी उत्सुकता है कि पीसीएस समेत बड़ी भर्तियों में प्रयागराज के छात्रों की घटती संख्या पर उनका दृष्टिकोण क्या होगा। इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के छात्रों का दबदबा बढ़ने के कारण मानविकी विषयों के छात्र नए अध्यक्ष की ओर टकटकी लगाए हैं।
कई चुनौतियों का करना होगा सामना
नए अध्यक्ष को कई चुनौतियों का भी सामना करना होगा। पिछले अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार ने 21 महीने में 22,870 भर्ती की, वो भी तब जबकि एक साल कोरोना के कारण प्रभावित रहा। नए अध्यक्ष भी कोरोना संक्रमण के दौर में आ रहे हैं। ऐसे में आयोग के कैलेंडर को नियमित रखते हुए बेरोजगारों की उम्मीदों पर खरा उतरना चुनौती होगी। हाईकोर्ट में लंबित पीसीएस में त्रिस्तरीय आरक्षण समाप्त करने, सीबीआई जांच तेज करने के लिए एसआईटी गठित करने और स्केलिंग एवं मॉडरेशन व्यवस्था को उजागर करने याचिकाओं पर रुख छात्र देखने के इंतजार में हैं।