चेक बाउंस में मिली दो वर्ष कैद की सजा पर रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चेक बाउंस के मामले में कानपुर नगर के सिंचाई विभाग में एसडीओ रहे प्रभु नारायण राम को मिली दो साल कैद की सजा व नौ लाख रुपये...
प्रयागराज। विधि संवाददाता
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चेक बाउंस के मामले में कानपुर नगर के सिंचाई विभाग में एसडीओ रहे प्रभु नारायण राम को मिली दो साल कैद की सजा व नौ लाख रुपये जुर्माने के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने शिकायतकर्ता ठेकेदार रणवीर सिंह को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार पचौरी ने याची की ओर से अधिवक्ता सुनील चौधरी को सुनकर दिया है। मामले के तथ्यों के अनुसार याची की चेकबुक खो गई थी जो ठेकेदार को मिली। उसने आठ लाख 50 हजार रुपये का चेक भरकर बैंक में जमा किया। चेक बाउंस होने पर केस दाखिल किया। अधीनस्थ अदालत ने केस में सुनवाई के बाद वर्ष 2018 में दो साल कैद और नौ लाख रुपये जुर्माने का आदेश दिया। याची की ओर से अपील पर सत्र न्यायालय ने भी सजा बहाल रखी। याची का कहना है कि ठेकेदार की इतनी कमाई ही नहीं थी। उस समय मात्र 2700 महीने की आमदनी थी। उसे नौकरी से निकाल दिया गया था, जबकि याची की 50 हजार सैलरी थी। कब पैसा दिया और कहां दिया, यह कहीं नहीं बताया गया। याची ने कोई भी लोन नहीं लिया था। इसके अलावा याची 2018 में ही हाइकोर्ट के आदेश पर सत्र न्यायालय में 25 प्रतिशत रकम यानी दो लाख 25 हजार रुपये जमा कर चुका है।
