Tragic Accident Claims Life of Scholar s Son in Prayagraj Family Injured कथावाचक के भाई-भयाहू की हालत गंभीर , Prayagraj Hindi News - Hindustan
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कथावाचक के भाई-भयाहू की हालत गंभीर

Prayagraj News - प्रयागराज में एक सड़क हादसे में कथावाचक आचार्य देवव्रत शुक्ल के तीन वर्षीय बेटे विनायक की मौत हो गई। परिवार प्रयागराज इलाज के लिए जा रहा था जब उनकी स्कार्पियो अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई। हादसे...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजFri, 26 Sep 2025 07:51 PM
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कथावाचक के भाई-भयाहू की हालत गंभीर

प्रयागराज, संवाददाता। मलाक हरहर में गुरुवार रात सड़क हादसे का शिकार हुए कथावाचक आचार्य देवव्रत शुक्ल के परिवार के लोगों का सिविल लाइंस के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। हादसे में आचार्य देवव्रत के तीन वर्षीय बेटे विनायक की मौत हो गई थी और पत्नी सहित पांच लोग घायल हुए हैं। घायलों में कथावाचक के छोटे भाई 32 वर्षीय शिवम शुक्ला और उनकी पत्नी जाह्नवी की हालत गंभीर बताई गई। हादसा उस समय हुआ जब परिवार के लोग बीमार विनायक को लेकर इलाज के लिए प्रयागराज आ रहे थे। प्रतापगढ़ के हथिगवां थानाक्षेत्र में बटऊवा गांव निवासी आचार्य संतोष शुक्ल और उनके बेटे आचार्य देवव्रत शुक्ल दोनों चर्चित कथावाचक हैं।

देवव्रत का तीन वर्षीय बेटा विनायक कुछ दिनों से बीमार था। गुरुवार रात तबीयत बिगड़ने पर उसे कुंडा के एक चिकित्सक के पास ले जाया गया। चिकित्सक ने उसकी हालत बेहद नाजुक बताई और किसी बड़े अस्पताल ले जाने को कहा। इस पर देवव्रत के छोटे भाई सत्यव्रत शुक्ल उर्फ शिवम, विनायक की मां दीक्षा शुक्ला, अपनी पत्नी जाह्नवी शुक्ला, मामा संतोष तिवारी और चालक विमलेश के साथ विनायक को स्कार्पियो से लेकर प्रयागराज के लिए निकले। देर रात लगभग 10.30 बजे फाफामऊ के मलाक हरहर चौराहे के पास तेज रफ्तार स्कार्पियो अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई। हादसा होते ही चीख-पुकार मच गई। खबर पाकर फाफामऊ पुलिस मौके पर पहुंची और सभी घायलों को पास ही स्थित एक अस्पताल ले गई जहां से कुछ देर बाद ही परिजन उन्हें लेकर शहर के सिविल लाइंस स्थित एक निजी अस्पताल चले गए। थाना प्रभारी फाफामऊ के मुताबिक हादसे के समय स्कार्पियो आचार्य के भाई सत्यव्रत चला रहे थे। विनायक की मौत के बारे में यह भी चर्चा रही कि उसकी सांस कुंडा में ही थम गई थी लेकिन परिजनों को चिकित्सक की बात पर यकीन नहीं हुआ और वह बेहतर इलाज के लिए उसे प्रयागराज ला रहे थे। शुक्रवार को विनायक का अंतिम संस्कार कर दिया गया। हादसे की खबर पाकर कथावाचक के शुभचिंतकों और रिश्तेदारों का दिनभर उनके घर व अस्पताल में तांता लगा रहा। जिस समय हादसा हुआ आचार्य देवव्रत घर पर नहीं थे। वह किसी धार्मिक अनुष्ठान के लिए बाहर गए थे। हादसे की खबर पाकर अस्पताल पहुंचे।

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