लिखित आश्वासन पर मंसूर पार्क का धरना स्थगित
सीएए के खिलाफ पिछले 72 दिनों से मंसूर अली पार्क में चल रहा धरना सोमवार को प्रशासन की ओर से लिखित आश्वासन मिलने पर अस्थाई रूप से खत्म कर दिया गया। महिलाओं की मांग पर पुलिस प्रशासन ने लिख कर दिया है कि...
सीएए के खिलाफ पिछले 72 दिनों से मंसूर अली पार्क में चल रहा धरना सोमवार को प्रशासन की ओर से लिखित आश्वासन मिलने पर अस्थाई रूप से खत्म कर दिया गया। महिलाओं की मांग पर पुलिस प्रशासन ने लिख कर दिया है कि महामारी खत्म होने के बाद वह फिर से धरने पर बैठ सकती हैं। सांकेतिक धरना जारी रखने के लिए जाते वक्त महिलाओं ने धरनास्थल पर मौजूद कुर्सियों पर अपना दुपट्टा छोड़ गईं।
नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ महिलाओं ने 12 जनवरी को रोशन बाग स्थित मंसूर अली पार्क में धरना शुरू किया था। उसके बाद से लगातार चल रहा है। इस दौरान जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने इसे खत्म कराने का काफी प्रयास किया लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। प्रशासन के लोग प्रदर्शनकारी महिलाओं को मनाने में पूरी तरह असफल हुए थे। जनता कर्फ्यू से ठीक एक दिन पहले शनिवार को भी कई चक्र में अफसरों ने महिलाओं से बातचीत की लेकिन बात नहीं बनी थी। इसलिए जनता कर्फ्यू के दिन भी धरना जारी रहा।
कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए सोमवार को शोएब अंसारी ने बैठक बुलाकर इसे खत्म करने के लिए लोगों को राजी किया। उनके नेतृत्व में एकजुट हुए लोगों ने धरना दे रही महिलाओं को कोरोना वायरस के हालात से रूबरू कराया। उनसे धरना खत्म करने के लिए कहा। इस पर महिलाओं ने शर्त रखी कि जिस तर्ज पर लखनऊ का धरना खत्म हुआ है उसी तर्ज पर यहां भी वह धरना स्थगित करेंगी। महिलाओं का कहना था कि कोरोना वायरस की महामारी खत्म होने के बाद उन्हें फिर से धरने पर बैठने की अनुमति मिलनी चाहिए। उन्हें रोका जाना नहीं चाहिए। इसके अलावा दर्ज किए गए सभी मुकदमे वापस लिए जाएं और गिरफ्तार आशीष मित्तल व उमर खालिद को रिहा किया जाए। उनकी मांगों को प्रशासन तक पहुंचाई गई। शाम को सिटी मजिस्ट्रेट एवं सीओ प्रथम मौके पर पहुंचे। वहां उन्होंने धरनारत महिलाओं से बातचीत की। उनका ज्ञापन लिया और लिखित आश्वासन दिया कि महामारी खत्म होने के बाद उन्हें धरने पर बैठने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही दर्ज किए गए सभी मुकदमे वापस लिए जाएंगे। इसके अलावा गिरफ्तार लोगों को छोड़ा जाएगा। आश्वासन मिलने के बाद ही महिलाओं ने धरना अस्थाई रूप से खत्म किया। धरना स्थल पर मौजूद सारा सामान वही रखा रहेगा। चार -पांच महिलाएं उसकी निगरानी करेंगी। जाते वक्त महिलाएं अपना दुपट्टा कुर्सियों पर छोड़ गईं। बोली उनका सांकेतिक धरना आगे जारी रहेगा। महामारी खत्म होने के बाद वह लौटेंगी।